लखनऊः जिस गति से इस सीजन में बारिश हो रही है, उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि धान का उत्पादन (paddy production) बेहतर होने वाला है। हालांकि, जिन खेतों में अगेती धान है, वहां की बालियां शुभ संकेत भी दे रही हैं। अभी लख...
लखनऊः मौसम की बेरूखी ने इस बार किसानों को काफी मायूस किया है और सूखे की आशंका के चलते वह काफी बेचैन हैं। मौसम विभाग के अनुमान भी सिर्फ हवा-हवाई ही साबित हुए, लेकिन किसान हाथ पर हाथ धरकर बैठना नहीं चाहते हैं। राजधानी ...
लखनऊः यह साल आम किसानों के लिए बेहतर साबित नहीं हो रहा है। लगातार मौसम करवट बदल रहा है और इसमें किसानों को हर बार नुकसान हो रहा है। बागवान भी वसंत के बाद से हर माह करीब दो बार तेज आंधी का सामना कर रहे हैं, इसलिए भारत...
लखनऊः प्रदेश के किसानों को आगामी दिनों में मौसम आधारित कृषि परामर्श के लिए गहन मंथन चल रहा है। क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप की द्वितीय बैठक इसी सिलसिले में थी। पहले भी ग्रुप इस दिशा में प्रयास करता रहा है, जिससे समय-समय पर क...
लखनऊः अभी मई माह में कई दिन शेष हैं, जो किसानों के आर्थिक समृद्धि को निखारने वाले हैं। 10 मई से शुरू हुए यह शुभ दिन अभी 30 मई तक बने रहेंगे। इन दिनों किसानों को चाहिए कि वह खूब मेहनत कर नर्सरी तैयार करें। नर्सरी तैया...
लखनऊः हरियाली के शौकीन जब फसल या पौधों को लगाने के उद्देश्य में सफल नहीं होते हैं, तो उन्हे हताशा मिलती है। वह तमाम स्थानों पर जाकर अपनी समस्या का समाधान मांगते तो हैं, लेकिन उनको इस बात की गारंटी नहीं मिलती है कि आन...
लखनऊः गर्मी का मौसम अपने चरम पर हैं। यह दिन बारिश के नहीं हैं लेकिन किसान आशान्वित हैं कि बूंदाबांदी ही सही, अगर प्रकृति मेहरबान हो जाए तो उनका फायदा हो सकता है। फूलगोभी की खेती को केवल जाड़े की फसल माना जाता है।
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लखनऊः तहसील से ब्लाॅक तक के किसान और अधिकारी मृदा परीक्षण के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। आज भी जिलों में किसान सहायक यह बताने से नहीं चूकते हैं कि खेतों की मिट्टी की जांच जरूरी है, लेकिन दुर्भाग्...
लखनऊः शहर की महिलाएं ज्यादातर पढ़ी-लिखी हैं। इनमें तमाम नौकरी करती हैं या फिर बिजनेस संभाल रही हैं। कुछ महिलाएं घर संभालने के बाद जो समय निकल पाता है, उसे प्रकृति को बलवान बनाने के लिए समर्पित कर देती हैं।
इन्हीं में...
लखनऊः गांवों में बांस और बल्लियों से छप्पर बनाने की परम्परा धीरे-धीरे कम होती जा रही है। शहरों की तरह ही यहां भी कंक्रीट के मकान बनने लगे हैं। इन गांवों में छप्पर बनाने वाले बांस के पौधे भी लगाया करते थे। इनकी एक-एक...