जालौनः उम्र भले ही 70 साल पार हो चुकी है, लेकिन न तो वो शरीर से बूढ़े हैं और न मन से। जब जज्बा कुछ करने का हो तो बड़ी से बड़ी मुसीबत भी छोटी लगती है। दरअसल हम बात कर रहे है यूपी के जालौन के रहने वाले 70 साल के बुजुर्ग मुन्नीलाल की। 70 साल की उम्र में भी मुन्नीलाल के अंदर युवाओं जैसी जुस्ती-फुर्ती है। मुन्नीलाल ने अपने शरीर को फिट रखने के लिए उम्र को कभी हावी नहीं होने दिया। 70 पार होने के बावजूद वे रोज सुबह दौड़ते और व्यायाम करते हैं। उनकी यही फिटनेस लोगों के लिए मिसाल बनी हुई है।
मुन्नीलाल का कहना है कि जीवन में रचनात्मकता बनाए रखेंगे तो उम्र आप पर हावी नहीं होगी। आप उम्र पर हावी रहेंगे। घर में उदास और बिना काम के पड़े रहने से अच्छा है खेलों और वर्जिश में भाग लें। उनका कहना है कि सुबह-सुबह वर्जिश कर उन्हें खुशी मिलती है। इसके बाद दौड़ लगाने और कसरत करने से शरीर में स्फूर्ति रहती है और मन में तनाव नहीं रहता।
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जालौन जिले के सैदनगर के रहने वाले बुजुर्ग की उम्र 70 साल से ज्यादा है। वे 40 सालों से नियमित रूप से वॉक के बाद 20-20 किलो के मुगदर से एक्सरसाइज करते हैं। इससे उनकी बॉडी काफी फिट रहती है। ये अपने काम के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहते हैं। उनका कहना है कि वह ज्यादा देर तक घर में रहने की बजाय खेल के मैदान और व्यायाम में समय बिताते हैं। कई बुजुर्ग भी उनके मित्र भी बन गए। जीवन के प्रति नया उत्साह जागा है।
इतना ही नहीं इलाके के अक्षरा देवी मंदिर पर सैकड़ो युवा उनसे प्रेरित होकर वर्जिश करने आते है। सुविधाओं और शहरी जीवन से दूर ये इलाका आज भी उनके नाम से जाना जाता है। वे बताते है कि व्यायाम के कारण जीवन में उत्साह महसूस करते हैं। व्यायाम करते हुए हुए वे अपने युवा जीवन को महसूस करते हैं। वे कहते हैं युवा जीवन में जैसे था, वैसा तो नहीं फिर भी अपनी उम्र के लोगों से तेज दौड़ लेता हूं। यह जीवन का सकारात्मक पक्ष है। उनकी यही फिटनेस लोग के लिए मिसाल बनी हुई है।
(रिपोर्ट- मयंक राजपूत, जालौन-यूपी)
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