लखनऊः प्रदेश में बजट 2021-22 की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। कोरोना काल के कारण इस बार आमदनी अपेक्षा से कम होने के बावजूद किसानों और युवाओं के लिए कई नई योजनाओं की शुरुआत होने के आसार हैं। इसके लिए मंत्रालयों में फाइलें तेजी से दौड़ने लगी हैं। सचिवालयों में अधिकारी व कर्मचारी भी देर शाम तक काम में व्यस्त हैं।
यूपी विधानसभा का चुनाव 2022 में होना है। इस कारण इस बजट में युवाओं और किसानों पर विशेष फोकस रहेगा। अभी चल रहे किसान आंदोलन को लेकर भी सरकार गंभीर है। इस कारण भी सरकार के केंद्र में किसान हैं। दूसरी ओर चुनाव नजदीक होने के कारण युवाओं को लुभाने के लिए भी सरकार नई योजनाओं की शुरुआत कर सकती है।
सचिवालय के एक उच्च पदस्थ अधिकारी का कहना है कि सड़क, युवा और किसान पर सरकार का विशेष फोकस है। इसके साथ ही वर्तमान सरकार जबसे बनी है तब से बिजली और प्राथमिक शिक्षा पर विशेष प्राथमिकता दी गई है। इस कारण बिजली और प्राथमिक शिक्षा में और मजबूती लाने के लिए भी जोर दिया जाएगा।
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में काफी बदलाव आया है। पहले जहां सिर्फ मिड-डे मिल के लिए परिषदीय विद्यालयों में गरीब तबके के बच्चे जाते थे। अब वहां पठन-पाठन का माहौल बना है। कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां पर उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल रही है। सरकार की मंशा है कि विद्यालयों के सौंदर्यीकरण का कार्य सहभागिता के आधार पर किया जाए, जिससे बजट को बिना प्रभावित किये शिक्षा में सुधार हो सके।
दूसरी ओर यह भी मानना है कि जो व्यक्ति प्राथमिक विद्यालय के लिए दान देगा, वह वहां की शिक्षा की गुणवत्ता पर भी नजर रखेगा। इससे विद्यालयों में और अधिक सुधार की गुंजाइश बनेगी। वहीं बिजली की व्यवस्था में भी पहले से ही काफी सुधार हो चुका है। अब सरकार का जोर है कि आने वाले दिनों में गांवों को भी 24 घंटे बिजली मिलने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
यह भी पढ़ेंः-प. बंगाल के भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी पर लगी रोक, राज्य सरकार को नोटिसभाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चंद्रभूषण पांडेय का कहना है कि भाजपा हमेशा जनहित के काम को सर्वोपरि मानती है। हम चुनाव की विशेष तैयारी को लेकर कोई काम नहीं करते हैं, बल्कि हर वक्त हम गरीब, किसान, युवा के लिए कार्य करते रहते हैं।