उत्तर प्रदेश

योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि, 35 हेल्थ यूनिट्स को मिला 'Enquas'

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लखनऊः प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि प्रदेश की 35 और स्वास्थ्य इकाइयों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (Enquas) प्रमाण पत्र मिल गया है। इसके साथ ही प्रदेश में एनक्यूएएस प्रमाणित स्वास्थ्य इकाइयों की संख्या बढ़कर 217 हो गई है। यह प्रमाण पत्र प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयों को गुणवत्तापूर्ण उपचार उपलब्ध कराने, स्वास्थ्य के मानकों पर खरा उतरने के लिए दिया गया है। गौरतलब है कि एनक्यूएएस के तहत स्वास्थ्य इकाइयों की सेवा गुणवत्ता के मूल्यांकन के लिए किए गए ठोस प्रयासों से प्रेरित होकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने हाल ही में प्रदेश के सभी अपर निदेशकों और सीएमओ को पत्र के माध्यम से निर्देशित किया है कि वर्ष 2025 तक 50 प्रतिशत स्वास्थ्य इकाइयों और वर्ष 2026 तक सभी स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्यूएएस प्रमाणित कराने के निर्धारित लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में अपने काम में तेजी लाएं।

इन्हें मिला प्रमाण पत्र

एनएचएम की मिशन निदेशक ने कहा कि सीएम योगी की नीतियों का असर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में दिखने लगा है। इसके तहत प्रदेश की जनता को प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयों में सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज दिया जा रहा है। यही वजह है कि पिछले पांच महीने में 35 स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्यूएएस प्रमाण पत्र मिल चुका है, जिसमें 32 आयुष्मान आरोग्य मंदिर और तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।

एनएचएम के महाप्रबंधक गुणवत्ता आश्वासन डॉ. निशांत कुमार जायसवाल ने बताया कि इस वर्ष एनक्यूएएस पाने वाले सीएचसी में वाराणसी का चोलापुर सीएचसी और रामपुर का बिलासपुर सीएचसी शामिल है। इसके साथ ही प्रदेश में एनक्यूएएस प्रमाणित स्वास्थ्य इकाइयों की संख्या बढ़कर 217 हो गई है। एनक्यूएएस प्रमाण पत्र के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता मूल्यांकनकर्ता डॉ. मुस्तफा खान ने बताया कि एक बार किसी स्वास्थ्य इकाई को एनक्यूएएस प्रमाण पत्र मिल जाता है तो यह निश्चित हो जाता है कि वहां आने वाले सभी मरीजों के लिए अंतरराष्ट्रीय संचालन प्रक्रिया और मानक उपचार दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।

इसका मतलब यह है कि सभी मरीजों को यह भरोसा होता है कि उनके साथ भी उसी प्रक्रिया से व्यवहार किया जा रहा है, जिस तरह से अमेरिका या ब्रिटेन में किसी अन्य मरीज के साथ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र मरीज के अस्पताल स्टाफ के अधिकार, जिम्मेदारी और संतुष्टि को भी सुनिश्चित करता है। प्रदेश में एनक्यूएएस पाने वाली स्वास्थ्य इकाइयों में राजधानी शीर्ष पर है। प्रदेश में अब तक कुल 95 आयुष्मान आरोग्य मंदिर और 122 अन्य स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्यूएएस मिला है। इनमें सबसे ज्यादा एनक्यूएएस यानी 15 स्वास्थ्य इकाइयों को लखनऊ से एनक्यूएएस मिला है। इनमें राजधानी पहले स्थान पर है। राजधानी के सिविल अस्पताल, झलकारी बाई अस्पताल, अवंती बाई अस्पताल, रानी लक्ष्मी बाई अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल, आरएमएल अस्पताल, बख्शी का तालाब व सरोजनी नगर सीएचसी और पांच आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को एनक्यूएएस प्रमाण पत्र मिला है। दूसरे स्थान पर प्रयागराज है, जहां अब तक 12 स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्यूएएस मिला है। जिन जिलों में सिर्फ एक स्वास्थ्य इकाई को एनक्यूएएस मिला है, उनमें सीतापुर, हरदोई, बरेली, मुरादाबाद, औरैया, बागपत, बहराइच, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, सिद्धार्थनगर, बुलंदशहर शामिल हैं।

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इन मानकों पर खरा उतरने पर मिलता है  'Enquas'

एनक्यूएएस भारत सरकार की संस्था 'नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर' द्वारा दिया जाने वाला एक राष्ट्रीय प्रमाण पत्र है, जो स्वास्थ्य इकाइयों को विभिन्न मापदंडों पर परखने और मानकों पर खरा उतरने पर मिलता है। एनक्यूएएस सिर्फ जिला अस्पतालों को ही नहीं, बल्कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और आयुष्मान आरोग्य मंदिर को भी मिल सकता है। इसके तहत सरकारी अस्पतालों के आठ मुख्य विभागों की सेवाओं को मापदंडों पर परखा जाता है। इन विभागों में इनपेशेंट डिपार्टमेंट, रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट, मैटरनिटी वार्ड, ओपीडी, ऑपरेशन थियेटर, प्रयोगशाला, फार्मेसी, प्रशासनिक विभाग, सेवा विभाग की कार्यप्रणाली देखी जाती है। इनके अलावा टीम बायोमेट्रिक अटेंडेंस, ई-ट्रीटमेंट, मरीजों को दिए जाने वाले भोजन की भी जांच करती है। इसके साथ ही सेवा प्रदाताओं के व्यवहार का भी आकलन किया जाता है।

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