International Yaga Day: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (rajnath singh yoga) ने स्वदेशी तकनीक से तैयार एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर कोच्चि में नौसैनिकों के साथ योगाभ्यास किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की इस ऐतिहासिक विरासत को भले ही संयुक्त राष्ट्र ने 9 वर्ष पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी, लेकिन योग का अंतरराष्ट्रीयकरण आज से सदियों पहले हो चुका था। उन्होंने कहा, विश्व के विभिन्न हिस्सों में, खासकर पूर्वी हिस्से में जापान, वियतनाम, चीन, तिब्बत जैसे देशों में योग लंबे समय से अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराता आया है।
योग का संबंध कर्म- ज्ञान और भक्ति से
वहीं, दिल्ली कैंट के करियप्पा ग्राउंड में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय ने सेना के कई वरिष्ठ अधिकारियों और प्रतिष्ठित विदेशी हस्तियों के साथ योगासन किया। आईएनएस विक्रांत पर मौजूद रक्षा मंत्री (rajnath singh yoga) के मुताबिक, यहां योग का मतलब सिर्फ कुछ आसनों से नहीं है, बल्कि योग इससे कहीं ज्यादा व्यापक है। योग का संबंध कर्म, ज्ञान और भक्ति से भी है। केरल की इसी भूमि से सातवीं शताब्दी में जगतगुरु आदि शंकराचार्य का उदय हुआ, जिन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा भाग पूरे भारत में योग-संस्कृति के विकास के लिए व्यतीत किया।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा लोगों में बेचैनी और अवसाद जैसी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। मैं आपको बता दूं, मैंने अपने जीवन में कई ऐसे अमीर लोगों को देखा है, जिनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है, लेकिन उनके मन में कहीं न कहीं अशांति का भाव रहता है। वह अपनी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्राप्त नहीं कर पाता है।
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रक्षा मंत्री (rajnath singh yoga) का कहना है कि जो समुद्र में जितना गहरा जाता है, उसे उतने ही अधिक मोती मिलते हैं। यानी आप योग में जितने गहरे जाएंगे, धारणा, ध्यान और समाधि की ओर आप उतने ही बढ़ते जाएंगे। लेकिन योग का भौतिक पक्ष, मुझे लगता है कि हममें से प्रत्येक को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। हमें किसी भी प्रकार की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अशांति से बाहर निकालने के लिए योग के अलावा और कोई सुलभ माध्यम नहीं मिल सकता है। यह बिल्कुल जीरो बजट माध्यम है।
जब हम योग का अर्थ देखते हैं तो पाते हैं कि योग का अर्थ जुड़ना है। यह मनुष्य को प्रकृति से जोड़ता है। हमारी आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है। और सबसे महत्वपूर्ण बात, यह हमारे शरीर और दिमाग को आपस में जोड़ता है।उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। एक राष्ट्र के रूप में, एक संस्कृति के रूप में हम सभी के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि दुनिया अब हमारी संस्कृति को मान्य और स्वीकार कर रही है।
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