मिर्जापुर: यूपी के मिर्जापुर जिले के छानबे, कोन और सीखड़ ब्लॉक के किसानों के लिए सफेद कोहड़े का उत्पादन काफी लाभदायक साबित हो रहा है। इन ब्लॉकों के किसान परंपरागत फसलों की खेती को छोड़कर अब खरीफ के सीजन में सफेद कोहड़ा की खेती कर रहे हैं। इससे जहां किसानों को नगद रुपये मिल जा रहे है। वहीं परम्परागत खेती पर खर्च होने वाली धनराशि की भी बचत हो रही है।
जिले के इन ब्लॉकों के किसान लंबे समय से परम्परागत खरीफ की फसलों ज्वार, बाजरा, अरहर, तिल और धान की फसल की खेती करते थे। इन फसलों की बुवाई के लिए किसानों को जहां खेत की जुताई के लिए भारी रकम खर्च करनी पड़ती थी। वहीं धान की फसल की रोपाई के लिए निजी पम्प सेटों से पानी का भी जुगाड़ करना पड़ता था। खासकर धान की फसल की सिंचाई पर ही भारी रकम खर्च हो जाती थी।
यह भी पढ़ें-राहत के बीच बुरी खबर, इस प्रदेश में तेजी से फैल रहा कोरोना वायरसइस वर्ष जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने इन ब्लाकों के किसानों को सफेद कोहड़ा की खेती की सलाह दी। इसका असर यह रहा कि तीनों ब्लॉकों में लगभग पांच सौ एकड़ में सफेद कोहड़ा की खेती किसानों ने कर ली। सफेद कोहड़ा की खेती पर किसानों की लागत भी घटकर एक चौथाई हो गयी। जब फसल तैयार हुई तो उद्यान विभाग की मदद से ही आगरा की पेठा बनाने वाली कम्पनियों के एजेंट किसानों से सम्पर्क कर बेहतर मूल्य पर खरीद-फरोख्त शुरू कर दिए।