नई दिल्लीः हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हर माह दो एकादशी तिथि पड़ती हैं। एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में। इस तरह साल में कुछ 24 एकादशी पड़ती है। सभी एकादशी को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह हिंदू नववर्ष विक्रम संत 2080 की यह प्रथम एकादशी है। कामदा एकादशी का व्रत एक अप्रैल 2023 को रखा जाएगा। एकादशी व्रत भगवान श्रीहरि को समर्पित होता है। इस दिन भगवान श्रीविष्णु का व्रत कर पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही सुख-समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कामदा एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि।
कामदा एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 01 अप्रैल 2023 मध्य रात्रि 12.28 बजे होगा और इसका समापन 2 अप्रैल को रात्रि 02.49 मिनट पर होगा। इस विशेष दिन पर रवि योग प्रातःकाल 06.17 बजे से 02 अप्रैल को सुबह 03.18 बजे तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रवि योग में पूजा-पाठ करना शुभ फलदायी होता है।
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कामदा एकादशी की पूजा विधि
एकादशी के दिन प्रातःकाल के समय दैनिक कार्यो से निवृत्त होकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद घर अथवा मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा करें। सर्वप्रथम एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद भगवान को गंगा जल से स्नान करायें और वस्त्र अर्पित करें। फिर भगवान श्रीहरि का चंदन से तिलक करें और उन्हें पुष्प, मौसमी फल, मिष्ठान, पंचामृत, धूप, दीप अर्पण करें। इसके बाद भगवान विष्णु की कथा का पाठ करें और अंत में आरती जरूर करें। इसी तरह संध्या काल के समय तुलसी के पौधे में घी का दीपक जलायें।
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