Bhadli Navami 2023: नई दिल्लीः आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भड़ली नवमी (Bhadli Navami) कहा जाता है। भड़ली नवमी भगवान विष्णु के शयन से पहले आती है, जिससे विवाह एवं मांगलिक कार्य किये जा सकते हैं, क्योंकि भगवान विष्णु के शयन के बाद विवाह एवं शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं। इस बार भड़ली नवमी (Bhadli Navami) 27 जून को पड़ रही है और 29 जून को भगवान विष्णु चार महीने के लिए निद्रा में चले जाएंगे। इसी दिन से चातुर्मास शुरू हो जाएगा।
भड़ली नवमी 27 जून को है, जो गुप्त नवरात्रि का आखिरी दिन है। इस दिन विवाह और मांगलिक कार्य किये जा सकते हैं। भड़ली नवमी के बाद 29 जून से देवशयनी एकादशी से शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी। देवशयनी एकादशी (Devshayni Ekadashi) से चातुर्मास शुरू हो जाता है। इन चार महीनों में देवता शयन करते हैं इसलिए चातुर्मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। भड़ली नवमी का दिन भगवान विष्णु सोने से पहले भक्तों को देते हैं ताकि वे इस दिन अपने बचे हुए शुभ कार्य कर सकें। इस दिन पूजा करने से भगवान सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
यह भी पढ़ेंः-Panchang 23 June 2023: शुक्रवार 23 जून 2023 का पंचांग, जानें कब लग रहा है राहुकाल
भड़ली नवमी (Bhadli Navami) से जुड़ा एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इस दिन को आमतौर पर हिंदू समुदाय में शादी करने के लिए साल का आखिरी शुभ दिन माना जाता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भड़ली नवमी (Bhadli Navami) का दिन विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई, जनेऊ संस्कार आदि शुभ कार्यों के लिए विशेष माना जाता है। पंचांग के अनुसार भड़ली नवमी (Bhadli Navami) तिथि 27 जून को सुबह 2.04 बजे शुरू होगी और अगले दिन 28 जून को प्रातः 3.05 बजे समाप्त होगा।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)