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भारत जब एकजुट हुआ असंभव लगने वाले लक्ष्यों को किया हासिल-राष्ट्रपति

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नई दिल्लीः संसद के बजट सत्र शुरू होने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय की सराहना करते हुए कहा कि इससे जहां लोकतंत्र मजबूत हुआ है, वहीं संविधान की प्रतिष्ठा भी सशक्त हुई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को बजट सत्र के अभिभाषण में कहा कि सरकार ने संघीय ढांचे की सामूहिक शक्ति का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इस समन्वय ने लोकतंत्र को मजबूत बनाया है और संविधान की प्रतिष्ठा को सशक्त किया है।

उन्होंने कहा कि चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मुझे संतोष है कि सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है।

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राष्ट्रपति ने कोरोना काल में आर्थिक मोर्चे पर सरकार के कार्यों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क दिया गया। सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि महामारी के कारण शहरों से वापस आए प्रवासियों को उनके ही गांवों में काम देने के लिए सरकार ने छह राज्यों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी चलाया। इस अभियान की वजह से 50 करोड़ मानव दिवस के बराबर रोजगार पैदा हुआ। करीब 31 हजार करोड़ रुपए गरीब महिलाओं के जनधन खातों में सीधे ट्रांसफर भी किए गये। इस दौरान देशभर में उज्जवला योजना की लाभार्थी गरीब महिलाओं को 14 करोड़ से अधिक मुफ्त गैस सिलेंडर भी मिले।