शिमला: हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण बीती रात मौसम ने करवट ली और कई हिस्सों में बारिश और बर्फबारी हुई। जनजातीय जिलों लाहौल-स्पीति और किन्नौर के साथ-साथ कुल्लू और चंबा के ऊपरी इलाकों में ताजा बर्फबारी हुई। गोंदला में 8 सेमी, हंसा में 3 सेमी और केलांग और कुकुमसेरी में 2-2 सेमी बर्फबारी दर्ज की गई है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी से जहां मौसम ठंडा हो गया है, वहीं मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी से राहत मिली है।
गेहूं की फसल को नुकसान
लाहौल-स्पीति के मुख्यालय केलांग में पारा माइनस में चला गया है। शनिवार को यहां का न्यूनतम तापमान -0.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश के कई मैदानी जिलों हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, कांगड़ा और मंडी में तेज हवाएं चलीं। कुछ स्थानों पर बारिश के साथ ओले भी गिरे, जिससे गेहूं की फसल को नुकसान हुआ। इन दिनों मैदानी इलाकों में गेहूं की कटाई का काम जोरों पर चल रहा है।
चरमराई बिजली व्यवस्था
तूफान के कारण ट्रांसफार्मर खराब होने से कई इलाकों में बिजली गुल हो गयी है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, शनिवार सुबह तक राज्य भर में 532 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। चंबा में 194, कुल्लू में 110, मंडी में 101, किन्नौर में 57 और ऊना में 45 ट्रांसफार्मर बंद हैं। वहीं, बर्फबारी के कारण 3 राष्ट्रीय राजमार्ग और 60 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। इनमें से लाहौल स्पीति में 55 सड़कें बंद हैं। लाहौल-स्पीति में दो और कुल्लू में एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी ठप है।
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मौसम विभाग का अनुमान है कि 1 मई तक मौसम खराब रहेगा। अगले तीन दिनों के लिए राज्य में बारिश, बर्फबारी और तूफान को लेकर येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 28 और 30 अप्रैल को येलो अलर्ट और 29 अप्रैल को ऑरेंज अलर्ट रहेगा। 28 अप्रैल को 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान आने की आशंका है। वहीं 29 अप्रैल को 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान आ सकता है। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में शनिवार को बादल छाए रहे। पिछले 24 घंटों के दौरान तीसा में 21, मनाली में 19, भरमौर में 16, डलहौजी में 10 और पालमपुर में 10 मिमी बारिश हुई है।