जबलपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अमर बलिदानी राजा शंकरशाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह दोनों पिता-पुत्र को जब तोप से उड़ाया होगा, तब कैसा लगा होगा देश भक्तों को। इन बलिदानियों के कारण ही हम 75 साल से आजादी की सांस ले रहे हैं। यहां से दिल्ली तक आवाज जानी चाहिए कि हम राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह को याद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकल्प लिया है कि हम गुमनाम शहीदों की याद को पुनर्जीवित करेंगे। जो इतिहास लिखा गया है, उसमें इनका नाम नहीं है।
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह शनिवार को आजादी के अमृत महोत्सव पर जबलपुर में स्वतंत्रता आंदोलन में अपना अतुलनीय योगदान देने वाले जनजातीय नायकों के सम्मान में आयोजित ‘जनजातीय गौरव समारोह’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब जबलपुर आया था। मैं जबलपुर में 16 दिन तक पिसनहारी की धर्मशाला में रहा। मैंने सुना की एक कविता लिखने वाले आजादी के नायक को तोप से बांध कर उड़ा दिया गया। मेरे मन में बहुत कौतुक था, जिसे देखने में यहां आया था। आज मुझे उनके स्मारक की नींव डालने का सौभाग्य मिला है।
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उन्होंने कहा कि आज के ही दिन वीर बलिदानी राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह ने मां भारती के पैरों से परतंत्रता की बेड़ियां काटने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। देश में अनेक ऐसे बलिदानी हैं, जिन्हें उचित सम्मान नहीं मिला। हम ऐसे बलिदानियों को नहीं भुला सकते। जाने अनजाने सभी स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों को याद किया जा रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने का प्रयास है।
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