अररियाः समाजवादी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन से देश समेत सीमांचल में शोक की लहर है। उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा है और सबों ने समाजवाद के द्योतक करार देते हुए उनके निधन को बिहार समेत देश की सियासत को अपूरणीय क्षति करार दिया। इधर अररिया जिला राजद इकाई की ओर से फारबिसगंज कार्यालय में 14 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर होने वाले दही-चूड़ा के भोज कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।
बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री शाहनवाज आलम ने शरद यादव को अभिभावक करार देते हुए कहा कि उनका संबंध उनके पिता मरहूम जनाब तसलीमुद्दीन से काफी अच्छा संबंध था।उनके निधन से देश के सियासत और समाजवाद को भारी नुकसान हुआ है। वहीं अररिया के पूर्व सांसद सुकदेव पासवान ने भी उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा कि शरद यादव संघर्षशील थे और अन्याय के खिलाफ और सामाजिक न्याय को लेकर लगातार संघर्ष करते रहे। गलत को गलत करार देने में कभी हिचके नहीं।
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अररिया राजद के जिलाध्यक्ष सुरेश पासवान और जिला उपाध्यक्ष अमित पूर्बे ने भी उनके निधन पर गहरा शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शरद यादव राजनीति में अंतिम समय तक समाजवाद का दीप को प्रज्वलित करने में लगे रहे।बिहार से उनका खास लगाव था और मधेपुरा से कई बार सांसद भी चुने गये। केंद्रीय मंत्री के रूप में भी उनका योगदान अमूल्य है,जिसे आज भी याद किया जाता है। वीपी सिंह की सरकार में मंडल कमीशन को लागू करवाने में उन्होने अपनी महती भूमिका का निर्वहन किया था। राजद की ओर से फारबिसगंज कार्यालय में मकर संक्रांति के मौके आयोजित दही-चूड़ा के भोज को स्थगित करने की जानकारी जिलाध्यक्ष सुरेश पासवान ने दी।
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