लखनऊः आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, बलिया, चंदौली, उन्नाव और प्रयागराज जिलों में जलापूर्ति का रास्ता साफ हो गया है। जल जीवन मिशन के तहत अब इन जिलों में गंगा, यमुना और घाघरा के जल से जलापूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। निचली गंगा नहर और ऊपरी गंगा नहर से कच्चा पानी लेकर आगरा, मथुरा और फिरोजाबाद तीनों जिलों में जलापूर्ति सुनिश्चित की जायेगी। उन्नाव जिले में गंगा बैराज से और यमुना क्षेत्र में प्रयागराज जिले में गंगा नदी से जलापूर्ति की जाएगी।
जल जीवन मिशन के तहत जहां ग्रामीण परिवारों को नल से स्वच्छ पेयजल मुहैया कराया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मिशन मोड पर तेजी से काम करने का खाका तैयार किया गया है। यहां निर्बाध जलापूर्ति शुरू होने से ग्रामीण परिवारों की पानी की समस्या दूर हो जाएगी। गोमती नगर स्थित राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यालय में गुरुवार को बैठक का आयोजन किया गया। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में बड़े फैसले लिए गए।
जल शक्ति मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिंचित क्षेत्र में कमी की भरपाई के लिए समुचित व्यवस्था के लिए बैठक आयोजित की जाए। उनसे संबंधित क्षेत्रों में सिंचाई की व्यवस्था के लिए नहरों की लाइनिंग पर भी विचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने योजना के तहत पानी लिये जाने से सिंचाई से प्रभावित हो रहे क्षेत्र में अधिक फसल गिराने जैसे वैकल्पिक साधनों से सिंचाई की व्यवस्था करने के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिये।
उन्होंने स्प्रिंकलर ड्रिप इरिगेशन पद्धति को बढ़ावा देने, बारिश के पानी को संग्रहित करने के लिए पर्याप्त ढांचों का निर्माण और जीर्णोद्धार करने के निर्देश दिए ताकि बारिश के पानी का सही तरीके से संचयन किया जा सके। मंत्री ने कहा कि इस रणनीति से भूजल के स्तर में सुधार होगा और पानी का उपयोग सिंचाई के लिए भी किया जा सकेगा।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) के प्रबंध निदेशक डॉ. बलकार सिंह सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)