उत्तर प्रदेश

राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई गई स्वामी विवेकानंद की जयंती

sumangalam
प्रयागराजः स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई गई। श्री सुमंगलम परिसर में हुए इस भव्य समारोह में कई अतिथिगण मौजूद रहे। राष्ट्रीय युवा दिवस पर उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए और युवाओं को देश के विकास में योगदान देने की अपील की। श्री सुमगल सेवा न्यास के उपाध्यक्ष विजय प्रताप सिंह ने स्वामी विवेकानंद को भारतीय तत्व ज्ञान का प्रचारक बताते हुए कहा कि भारत सरकार स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाती आ रही है। स्वामी विवेकानंद युवाओं के प्ररेणास्रोत रहे हैं। उनके बताए विचारों को अपनाकर जीवन को सरल और सफल बनाने में मदद मिल सकती है। वे आत्मविश्वास, ज्ञान की खोज, आत्म सुधार, दूसरों की सेवा और सार्वभौमिक भाईचारे के महत्व पर जोर देते थे। उनके विचारों को सफलता के मूलमंत्र के रूप में जीवन में आत्मसात किया जा सकता है। इस कार्यक्रम में प्रकल्प के बच्चों ने भी प्रेरक प्रसंग एवं सुविचार व्यक्त किये। इस अवसर पर उपस्थित मुख्य अतिथि डॉ. भगवत पांडेय, कार्यक्रम के अध्यक्ष उद्योगपति डी एन मिश्रा, श्री सुमगल सेवा न्यास के उपाध्यक्ष विजय प्रताप सिंह आदि कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। जिन्होंने स्वामी विवेकानंद को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस

युवा दिवस मनाने की शुरुआत यूएनओ द्वारा वर्ष 1984 में की गई थी। उस समय यूएनओ ने अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद भारत सरकार ने इस पर विचार किया और हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का निर्णय लिया। राष्ट्रीय युवा दिवस पहली बार वर्ष 1985 में मनाया गया था। यह भी पढ़ेंः-उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर बम विस्फोट की धमकी, बढ़ाई गई सुरक्षा इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि देश और दुनिया के युवा स्वामी विवेकानन्द के जीवन, आदर्शों और विचारों से प्रेरणा ले सकें और अपने जीवन को बेहतर बना सकें। युवाओं को देश का भविष्य माना जाता है। देश के युवा सुधरेंगे तो देश भी आगे बढ़ेगा। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)