Gyanvapi Masjid Case: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम गुरुवार सुबह आठ बजे ज्ञानवापी परिसर पहुंची। टीम ने लगातार सातवें दिन पूरे ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का काम शुरू कर दिया है। सर्वे में परिसर के हर हिस्से की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के साथ 3डी मैपिंग की जा रही है। 3डी छवियां उत्पन्न करने के लिए, टीम ने परिसर में जगह-जगह डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (DGPS) लगाया गया है।
42 विशेषज्ञों की टीम कर रही जांच
माना जा रहा है कि इससे पहले 6 दिन टीम ने तहखानों की दीवारों और सतह की 3डी मैपिंग कराई। इसके अलावा दीवार और तहखानों से पास पड़े मलबे को भी रिकोडिंग की गई है। सर्वेक्षण टीम ने ज्ञानवापी के पूर्वी दिशा में बने दो ऊंचे टावरों और सीढ़ियों को देखने के साथ ही ज्ञानवापी में इस्तेमाल किए गए पत्थरों की जांच की। पत्थरों पर उभरी आकृतियों की वीडियोग्राफी की।
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सर्वे टीम में शामिल 42 विशेषज्ञों की टीम ने चार टीमों में बंटकर पहले चिन्हित स्थानों की जांच शुरू की। 10 सदस्यों का एक दल दक्षिणी तहखाने में स्थित व्यास जी के कक्ष में दाखिल हुआ। 10 सदस्यीय दल ने उत्तरी तहखाने में प्रवेश किया। खास बात यह है कि ज्ञानवापी परिसर में ग्राउंड पेनेट्रेटिव रडार (GPR) सर्वे के लिए IIT कानपुर की टीम भा जांच के लिए आ रही है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
उधर, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने ज्ञानवापी श्रृंगारगौरी मामले में वादी व प्रतिवादी को ज्ञानवापी (
Gyanvapi) परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर किसी भी तरह की बयानबाजी नहीं करने की सख्त हिदायत दी है. प्रशासन ने सर्वे के दौरान दोनों पक्षों को एएसआई टीम से दूरी बनाए रखने की हिदायत दी है। इसका असर दिखा और सर्वे टीम के साथ आए वादी पक्ष के वकील खामोश रहे। ज्ञानवापी सर्वे के मद्देनजर अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था डॉ. एस चन्नप्पा समेत अन्य अधिकारी इलाके में पैदल गश्त पर काफी जोर दे रहे हैं।
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