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भारत की विदेश नीति को आकार देने में वाजपेयी की परिवर्तनकारी भूमिका

External Affairs Minister

नई दिल्ली:विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भारत की विदेश नीति को आकार देने में परिवर्तनकारी भूमिका रही है।

अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल लेक्चर में शनिवार को अपने शुरुआती भाषण में विदेश मंत्री ने कहा कि स्वर्गीय अटल जी ने सुधार उपायों, कठोर निर्णय और अन्य तरीकों से राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े विभिन्न नीतिगत मुद्दों पर कार्य किया है।

विदेश मंत्री ने कहा कि अटल जी की भारत-अमेरिका सहयोग की दृष्टि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समय में आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि इतिहास के असमंजस से आगे निकलते हुए अब वर्तमान की चुनौतियां और उभरते अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी ने विभिन्न क्षेत्रों और महादेशों तक भारत की पहुंच बनाई। इसके चलते भारत ने यूरोप, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और आसियान देशों तक संपर्क विस्तार किया।

उन्होंने कहा कि चीन के साथ आपसी सम्मान और एक दूसरे के प्रति संवेदनशीलता पर आधारित संपर्क वाजपेयी की सोच का ही नतीजा है। पड़ोस के प्रति मित्रता को प्रदर्शित करना और रिश्तों में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करने की नीति उन्हीं की देन है।

विदेश मंत्री ने कहा कि अटल जी के 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण करने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम था। उनमें एक गहन समझ थी, जिसके चलते उन्होंने शीत युद्ध के बाद की दुनिया में भारत के हितों और संबंधों को नए सिरे से साधने पर ध्यान केंद्रित किया।