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Uttarkashi Avalanche: उत्तरकाशी हिमस्खलन में अब तक 19 पर्वतारोहियों के शव बरामद, 10 अब भी लापता

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उत्तरकाशीः उत्तराखंड के उत्तरकाशी हिमस्खलन (Uttarkashi Avalanche) में अब तक 19 पर्वतारोहियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। वहीं 10 अब भी लापता हैं जिनको ढूंढा जा रहा है। हालांकि बर्फबारी रेस्क्यू में बाधा बन रही है। उत्तरकाशी के डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र से रेस्क्यू दल ने गुरुवार तक 16 शव बरामद कर लिए थे। चार शव घटना के दिन ही बरामद हो गए थे। वहीं इससे पहले उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि उत्तरकाशी हिमस्खलन (Uttarkashi Avalanche) में अभी तक कुल 19 शव बरामद किए गए हैं। जिन्हें शुक्रवार को उन्नत हेलिकाप्टर से शवों को मताली हेलीपैड तक लाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने ये भी बताया कि, इस कार्य में 30 बचाव दल तैनात हैं। हालांकि 10 ट्रैकर ट्रेनी अभी भी लापता हैं।

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29 लोग थे लापता

बता दें कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के दल में से 29 सदस्य रविवार को डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद लापता हो गए थे। गुरुवार सुबह करीब साढ़े सात बजे से घटना स्थल पर रेस्क्यू अभियान शुरू हुआ। पैदल गई एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी की टीम बुधवार को घटना स्थल से तीन घंटे की दूरी तक पहुंच गई थी। गुरुवार सुबह पौ फटते ही रेस्क्यू दल ने घटना स्थल की ओर बढ़ना शुरू किया। करीब साढ़े सात बजे दल ने घटना स्थल पर पहुंच कर रेस्क्यू अभियान शुरू किया। जबकि हाई ऑल्टीट्यूड वार वेलफेयर स्कूल गुलमर्ग की टीम मातली हेलीपैड से सीधे घटना स्थल पर उतरी। यहां से 15 शव बरामद किए गए। इसकी सूचना मिलते ही परिजन हेलीपैड पर जमा हो गए।

करीब दोपहर 2 बजे प्रशासन ने परिजनों को बताया कि घटना स्थल पर मौसम खराब होने के कारण शवों को अभी लाना संभव नहीं है। मौसम साफ होने का इंतजार किया जा रहा है। कुछ देर बाद परिजन निराश होकर लौट गए। घटना स्थल पर निम के 42, आईटीबीपी के 12, एसडीआरएफ के 8, हाई ऑल्टीट्यूट वार फेयर स्कूल गुलमर्ग (हॉज) के 14 व सेना के 12 सदस्य रेस्क्यू अभियान में जुटे हुए हैं। हॉज की टीम गुरुवार सुबह ही मातली हेलीपैड पहुंची थी।

बाद में यहां से घटना स्थल के लिए रवाना हुई। रेस्क्यू दल के सभी सदस्य पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। घटना स्थल बहुत अधिक ऊंचाई पर है। रेस्क्यू के लिए सुबह धूप आने तक का समय बेहतर रहता है। यहां सूरज निकलते ही कोहरा छाने लगता है। साथ ही यहां पल-पल मौसम भी बदल रहा है। गुरुवार को भी यहां बर्फबारी हुई।

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