Uttarkashi Tunnel Accident, उत्तरकाशीः उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हाईवे के लिए बनाई जा रही सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने का बचाव कार्य शनिवार को 8वें दिन भी जारी है। 7वें दिन रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने घटना स्थल का निरीक्षण किया।
इस दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन की रणनीति को लेकर विशेष बैठक में हुई चर्चा के बाद उन्होंने ऐलान किया कि सिल्कयारा टनल हादसे में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए अब पांच मोर्चों पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाएगा। यानी अब 41 मजदूरों को निकालने के लिए नए रास्ते तलाशे जा रहे हैं।
8 दिनों से मौत से जंग लड़ रहे 41 मजदूर
सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूर पिछले 8 दिनों से मौत से जंग लड़ रहे हैं और बाहर उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। खुल्बे ने कहा, ''फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए सुरंग के दाईं और बाईं ओर एस्केप सुरंगें बनाई जाएंगी और सुरंग के ऊपर पहाड़ी से ऊर्ध्वाधर ड्रिलिंग की जाएगी। पोलगांव की तरफ से भी एक सुरंग बनाई जाएगी।
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खुल्बे शनिवार को लीकॉप्टर से पीएमओ अधिकारियों की एक टीम के साथ सिल्क्यारा टनल के पास उतरे। उन्होंने NHIDCL के वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने सुरंग के अंदर जाकर घटना स्थल का जायजा लिया और बचाव कार्य के लिए केंद्र सरकार द्वारा तैनात किये गये अधिकारियों और निर्माण करने वाली भारत सरकार के उपक्रम एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों से दुर्घटना और बचाव अभियान के बारे में जानकारी ली।
विशेषज्ञों द्वारा चिह्नित स्थलों का किया गया निरीक्षण
पीएमओ के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल और पीएम के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे सुरंग के ऊपर पहाड़ी की चोटी पर गए और भागने का मार्ग बनाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा चिह्नित स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरंग परियोजना और बचाव अभियान से जुड़े अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक की, जिसमें बचाव अभियान के विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की गई। बैठक में लिये गये निर्णयों पर तत्काल अमल शुरू कर दिया गया। घिल्डियाल ने पाइपलाइन के माध्यम से अंदर फंसे श्रमिकों को पौष्टिक आहार की खुराक और ओआरएस भेजा, जो सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों की जीवन रेखा बन गई।
मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए किए जा रहे प्रयास
उन्होंने मजदूरों के परिजनों को आश्वासन दिया कि अंदर फंसे सभी लोगों को जल्द ही सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। इस दौरान उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, सुरंग से श्रमिकों को निकालने के लिए चलाए गए बचाव अभियान के नेता कर्नल दीपक पाटिल और NHIDCL के निदेशक अंशू मनीष खलको भी मौजूद रहे।
रुहेला ने कहा कि सिल्कयारा में संचार सुविधाएं बढ़ाने के लिए विभिन्न टेलीकॉम एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि टेलीकॉम एजेंसियों ने टावर और अन्य उपकरण लगाने का काम शुरू कर दिया है। जिले का आपदा प्रबंधन केंद्र भी बचाव कार्य में लगातार सहयोग कर रहा है।
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