लखनऊ: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रत्येक देशवासी समर्पित है और केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता कार्यक्रमों में अपना सहयोग प्रदान कर रहा है। राज्य सरकार ने पिछले डेढ़ साल में स्वच्छता के लिए कई अभियान चलाए हैं। स्वच्छता के लिए 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक स्वच्छता सेवा पखवाड़ा चलाया गया।
राज्य के शहरी विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने 11 से 22 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में चलने वाले 'स्वच्छता जनादेश सर्वेक्षण-2023' अभियान के शुभारंभ के मौके पर यह बात कही। उन्होंने शहरी क्षेत्र में स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान की शुरुआत की और सभी पार्षदों से अपील की है कि वे स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग लें और अपने वार्डों की स्वच्छता एवं प्रबंधन के बारे में जानकारी दें। कहा कि वे अपने वार्ड की सफाई व्यवस्था का पहले से ही निरीक्षण कर लें। इस सर्वेक्षण अभियान का उद्देश्य निकायों की समस्याओं का समाधान ढूंढना भी है। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों को अभियान के दौरान सभी वार्डों के पार्षदों से मुलाकात कर उनके वार्डों की समस्याओं, साफ-सफाई और प्रबंधन से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने में सहयोग करने का भी निर्देश दिया है।
'स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान से जुड़ेंगे 14 हजार पार्षद
प्रदेश के सभी निकायों में 11 से 22 अक्टूबर तक 10 दिनों तक चलने वाले इस स्वच्छता जनादेश सर्वेक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के नगरीय निकायों के लगभग 14 हजार पार्षद भाग लेंगे। ये पार्षद अपने वार्ड में साफ-सफाई को लेकर किए जा रहे कार्यों, साफ-सफाई की स्थिति और विभिन्न स्वच्छता कार्यक्रमों के संबंध में डिजिटल माध्यम से अपने सुझाव देंगे। इसके लिए नगर विकास विभाग की ओर से एक क्यूआर कोड तैयार किया गया है, जिसे स्कैन कर पार्षदों को वेबपेज पर 20 सवालों का जवाब देकर उनके वार्ड के बारे में जानकारी दी जायेगी। इसके साथ ही सभी पार्षद दिए गए सवालों के जवाब के साथ अपने वार्ड में स्वच्छता के लिए किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी देंगे। उनसे वार्डों में स्वच्छता अभियान को और अधिक प्रभावी व सफल बनाने के संबंध में सुझाव भी लिये जायेंगे।
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'पार्षदों को स्वयं मूल्यांकन करना होगा'
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पूरा करने और कचरा मुक्त शहर बनाने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक शहरी निकाय में स्वच्छता शासनादेश 2023 लागू किया जा रहा है। इस दौरान स्वच्छता मानकों पर सभी वार्डों के पार्षदों से स्व-मूल्यांकन कर 20 बिंदुओं पर सुझाव आमंत्रित किये जा रहे हैं। स्वच्छता शासनादेश 2023 समर्पित बार कोड के माध्यम से किया जाएगा। प्रमुख सचिव ने सभी जिलाधिकारियों, नगर आयुक्तों एवं कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि पार्षदों से स्वच्छता शासनादेश 2023 प्राप्त करने की कार्रवाई सही एवं निर्धारित समय सीमा में अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें।
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