
लखनऊः यूपी एसटीएफ ने सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का खुलासा किया है। यूपी एसटीएफ ने बुधवार समय शाम 5:50 बजे वाराणसी जिले के कैण्ट स्थित सेंट मैरिज स्कूल के पास गैंग सरगना सहित दो अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में उल्लेखऩीय सफलता प्राप्त हुई है। गिरफ्तार अभियुक्तों ने अपना नाम सुन्दर बिहार निवासी अमित कुमार चैधरी व बररंग नगर निवासी सचिन कुमार पाण्डेय है। दोनों ही झारखंड राज्य के है। इनके पास से पांच रेलवे का फर्जी नियुक्ति पत्र, चार मोबाइल फोन, नगद 7000 रूपये व एक स्वीफ्ट डिजायर कार (जेएच 01 डीए 9903) बरामद हुई।
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विगत कुछ दिनों पूर्व एसटीएफ को मिलिट्री इन्टेलीजेंस से सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी़ एवं इसके आस-पास के जनपदों के साथ-साथ हैदराबाद, नई दिल्ली, कोलकाता, भुवनेश्वर, लखनऊ आदि में आर्मी में नौकरी दिलाने के नाम पर जालसाजों के एक अन्तर्राज्यीय गिरोह द्वारा बेरोजगार युवकों को ठगने का खेल खेला जा रहा है। इस पर एसटीएफ की एक टीम को गिरोह की अन्य सूचनाएं एकत्र करने के निर्देश दिए गए।
इसी क्रम में बुधवार दिनांक 21 सितम्बर को सूचना मिली कि आर्मी में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का सरगना अमित कुमार चैधरी पुत्र नवीन चैधरी अपने गैंग के कुछ साथियों के साथ कैण्टोमेंट एरिया के डाक बंगले में मुरादाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, पंजाब व महाराष्ट्र के लड़को को मिलिट्री इंजिनियरिंग सर्विस (MES) की फर्जी परीक्षा लेकर ठगने के इरादे से बुलाया है। उक्त सूचना पर एसटीएफ वाराणसी की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर पता किया गया जो ज्ञात हुआ की यह लोग चेक आउट करके चले गये है। तत्पश्चात वहां मौजूद लड़कों की निशानदेही पर कुछ दूरी पर जा रही गाडी नं0 जेएच 01 डीए 9903 का पीछा करके आवश्यक बल प्रयोग करते हुए उपरोक्त अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया।
ऐसे होता था ठगी का पूरा खेल
गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में पाया गया गया कि इनका एक संगठित अन्तर्राज्यीय गिरोह है। अमित कुमार चैधरी पुत्र नवीन चैधरी उपरोक्त गैंग का सरगना है। यह लोग कैण्टोमेण्ट एरिया में स्थित डाक बंगला के अन्दर कमरा बुक कराकर विभिन्न प्रांतो के लड़कों को बुलाकर मिलिट्री इंजिनियरिंग सर्विस (MES) की फर्जी परीक्षा लेकर उनका फिंगर प्रिंट लेते थे। इसके उपरान्त कबीरचैरा मण्डलीय चिकित्सालय से मेडिकल कराकर फर्जी ज्वानिंग लेटर देकर भर्ती के नाम पर लाखों की वसूली करते थे। यह लोग यह काम सालों से कर रहे हैं।
फर्जी आईडी दिखाकर अभ्यर्थियों को फंसाते थे
गैंग का एक सदस्य राकेश कुमार बिष्ट एमईएस की फर्जी आईडी दिखाकर लडकों को फंसाकर लाता है। डाक बंगला में पहचान के लोगों के माध्यम से आराम से कमरा बुक हो जाता है। डाक बंगला कैण्टोमेण्ट क्षेत्र में होने के कारण भर्ती होने आये लड़के उसे मिलिट्री का ऑफिस समझकर परीक्षा देते हैं और विष्वास कर लेते है कि सब सही काम हो रहा है।
नियुक्ति से पहले हर अभ्यर्थी से ठग लेते थे लाखों
इसी दौरान ये लोग अभ्यर्थियों से 01 से 02 लाख रुपये एकाउंट में मंगवा लेते है। रूपये मंगवा लेने के बाद सरकारी अस्पताल कबीरचैरा में मेडिकल करवा देते है और उसके बाद 04 लाख रूपये की मांग करते हैं। पैसा मिल जाने के बाद फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र उनके पते पर भेज देते है। उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तों के अलावा गिरोह में संलिप्त अन्य सदस्यों के सम्बन्ध में जांच की जा रही है। गिरफ्तार आरोपी के विरूद्ध थाना कैण्ट वाराणसी में मुकदमा कराया गया।
(रिपोर्ट- पवन सिंह चौहान, लखनऊ)
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