लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जेलकर्मी अब जल्द ही बॉडी वार्न कैमरों से लैस होंगे। जेलकर्मियों के बॉडी वार्न कैमरे सुरक्षा के अलावा खास मकसद के लिए होंगे। इस कैमरे में बन्दियों की मनोस्थिति, अवसाद या जेल में होने वाले रचनात्मक कार्य भी कैद होंगे। इसमें विजुअल के साथ आवाज भी होगी। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उप्र समेत राजस्थान, तेलंगाना और पंजाब की जेलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत बॉडी वार्न कैमरा (बीडब्लूसी) प्रयोग किए जाने की मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार यूपी को इसके लिए 80 रुपये लाख देगी।
डीजी जेल आनन्द कुमार ने बताया कि पहले चरण में करीब 20 संवेदनशील जेलों में यह प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना है। उसके बाद दूसरे चरण में बची जेलों में इसे शुरू किया जाएगा। इनकी बैटरी का बैकअप 5 घंटे का होगा। इसके संचालन के लिए बंदी रक्षकों और अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। कैमरे के संचालन, मॉनिटरिंग, रिकॉर्डिंग, स्टोरेज आदि के लिए एक कंट्रोल रूम जेल में होगा।
यह भी पढ़ें- यूपी: कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों का चक्का जाम, विपक्षी दल भी हमलावरउन्होंने बताया कि जेलों में बंदियों के कार्यव्यवहार की रिकार्डिंग के लिए वीडियो कैमरे, डिस्प्ले यूनिट्स, वीडियो प्रोडक्शन करने के उपकरण, शर्ट वीडियो क्लिप बनाने और उनका विश्लेषण करने के लिए जरूरी उपकरण खरीदे जाएंगे।