लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय का फोकस अब परास्नातक के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले पर है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पीजी के विभिन्न कोर्स में दाखिले के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन कराया जा चुका है। जिसके बाद से अब अभ्यर्थियों की निगाहें परिणाम पर है। विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक, पीजी के लगभग सभी पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा का परिणाम 26 अक्टूबर तक जारी कर दिए जाएंगे। ताकि नवंबर के पहले सप्ताह में परास्नातक में भी दाखिले के लिए प्रक्रिया पूरी हो सके। बता दें कि लविवि में पीजी के विभिन्न पाठ्यक्रमों में इस बार करीब 4200 सीटों पर दाखिले लिए जाएंगे।
लॉगिन डिटेल के माध्यम से पंजीकरण
परास्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए, प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थी ऑनलाइन काउंसलिंग में भाग ले सकते हैं। ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने के इच्छुक अभ्यर्थियों को फार्म भरने के समय उन्हें दिए गए लॉगिन डिटेल के माध्यम से पंजीकरण करना होगा। यदि कोई अभ्यर्थी अपना पासवर्ड भूल गया है तो वह प्रवेश पोर्टल पर दिए गए लिंक के माध्यम से अपना पासवर्ड फिर से बना सकता है।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि अभ्यर्थी पोर्टल पर दर्शाये गए बैंक खाते के विवरण की जांच अनिवार्य रूप से कर लें और यदि इस विवरण में कोई गलती हो तो इसे सावधानी पूर्वक संशोधित कर लें। अभ्यर्थी को कोई सीट आवंटित न होने पर अभ्यर्थी द्वारा जमा किया गया अग्रिम शुल्क इसी बैंक खाते में ही वापस किया जायेगा, मगर अभ्यर्थी द्वारा पंजीकरण शुल्क का भुगतान किसी भी बैंक खाते के माध्यम से किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें- ट्विटर ने लेह को दिखाया चीन का हिस्सा, भारत सरकार ने दी सख्त चेतावनीसभी अभ्यर्थियों को ऑनलाइन मोड (नेट-बैंकिंग, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के माध्यम) से रुपये 200/-(नॉन-रिफंडेबल है) का भुगतान करना होगा। डॉ. दुर्गेश ने बताया कि अभ्यर्थियों को अपनी अंकतालिका एवं अन्य संबंधित अभिलेखों को लखनऊ विश्वविद्यालय के UnLoC ऑनलाइन काउंसलिंग पोर्टल पर अपलोड करना होगा। जिन अभ्यर्थियों ने पीजी के कार्यक्रमों/विषयों में प्रवेश हेतु आवेदन किया है, उन्हें भी अपनी अंकतालिका एवं अन्य संबंधित अभिलेखों को लखनऊ विश्वविद्यालय के UnLoC ऑनलाइन काउंसलिंग पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
अहम जानकारी
अगर किसी अभ्यर्थी के पास वर्तमान में मूल अंक पत्र नहीं है। तो वे इस समय स्वयं सत्यापित इंटरनेट प्रति अपलोड कर सकते हैं। मूल अंक पत्र से सत्यापन, रिपोर्टिंग के समय किया जाएगा। यदि जांच में अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तुत किये गये अभिलेख गलत पाए जाते हैं तो ऐसे अभ्यर्थियों को प्रवेश प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया जाएगा। निर्धारित समय सीमा के अंदर अपने सभी वांछित अभिलेख बेवसाइट पर अपलोड करना अभ्यर्थी का स्वयं की जिम्मेदारी होगी।