Uttarakhand UCC Bill, देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को समान नागरिक संहिता विधेयक (UCC) पेश किया गया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने UCC विधेयक सदन के पटल पर रखा। इस दौरान भारत माता की जय, वंदे मातरम और जय श्रीराम के नारे भी लगाए गए।
वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने यूसीसी बिल को लेकर अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने पूछा कि सरकार यूसीसी के मसौदे को तुरंत क्यों लागू करना चाहती है। विपक्ष ने इस ड्राफ्ट को पढ़ने के लिए समय मांगा, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विपक्ष ने किया यूसीसी बिल का विरोध
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के साथ ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने भी आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में पेश किये जाने वाले प्रस्तावों की जानकारी सदन को दी। सभी सदस्यों को उत्तराखंड यूसीसी बिल की प्रति वितरित की गई। सभी सदस्यों को बिल का अध्ययन करने के लिए करीब तीन घंटे का समय मिला है। माना जा रहा है कि दोपहर 2 बजे बिल पर चर्चा शुरू होने के बाद विधायक अपनी बात रखेंगे। सरकार आज ही इस बिल को पास कराने की कोशिश करेगी।UCC लागू करने वाला पहला राज्य होगा उत्तराखंड
बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र दूसरे दिन है। सोमवार से शुरू हुए विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन यूसीसी बिल पेश किया गया है। आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा। जबकि यूसीसी पुर्तगाली शासन के दिनों से ही गोवा में लागू है। यूसीसी के तहत, शादी, तलाक, गुजारा भत्ता, लिव-इन रिलेशनशिप, भूमि, संपत्ति और विरासत के संबंध में समान कानून राज्य के सभी नागरिकों पर लागू होंगे, चाहे वो किसी भी धर्म के हो।सीएम धामी ने विधायकों से किया अनुरोध
UCC बिल सदन में पेश होने के बाद अब इस पर चर्चा होगी। वहीं सीएम धामी ने अन्य दलों के विधायकों से चर्चा में भाग लेने का भी अनुरोध किया था। धामी ने मातृशक्ति के उत्थान के लिए, राज्य के अंदर रहने वाले हर संप्रदाय, हर समुदाय, हर धर्म के लोगों के लिए सकारात्मक तरीके से चर्चा में भाग लेने की बात कही थी। ये भी पढ़ें..Election 2024 : सबसे बड़ी जीत की इबारत लिखेगी भाजपा, दिल्ली में होगा महाधिवेशन यूसीसी बिल पेश करने से पहले राज्य के सीएम धामी ने मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, देवभूमि उत्तराखंड के नागरिकों को समान अधिकार देने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता विधेयक (UCC) आज विधानसभा में पेश किया जाएगा। यह सभी प्रदेशवासियों के लिए गौरव का क्षण है कि हम यूसीसी लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने वाले देश के पहले राज्य के रूप में जाने जायेंगे। जय हिंद, जय उत्तराखंड...।उत्तराखंड में UCC से क्या-क्या बदलेगा?
- सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होगी।
- पुरुषों और महिलाओं को तलाक का समान अधिकार
- लिव इन रिलेशनशिप का ऐलान करना जरूरी है
- लिव-इन का रजिस्ट्रेशन न करवाने पर 6 महीने की सजा
- लिव-इन विवाह में पैदा हुए बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार है।
- महिला के पुनर्विवाह के लिए कोई शर्त नहीं है
- अनुसूचित जनजाति इस बिल के दायरे से बाहर
- बहुविवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहने तक दूसरी शादी नहीं
- विवाह का पंजीकरण जरूरी नहीं, बिना पंजीकरण के कोई सुविधा नहीं
- लड़कियों को विरासत में समान अधिकार है