नई दिल्लीः मानसून सीजन में देश के कई हिस्सों में जहां भारी बारिश और बाढ़ कहर बरपा रही है, तो वहीं कुछ ऐसे राज्य भी हैं जहां बारिश औसत से भी कम मात्रा में हुई है। ऐसे में सबसे ज्यादा दुश्वारियों का सामना किसानों को करना पड़ रहा है। उनके सामने सबसे बड़ा सवाल है कि ऐसी कौन सी फसल की बोआई (crops in august) की जाए, जिसमें कम सिंचाई की जरूरत हो और नुकसान से भी बचा जा सके।
किसान कम सिंचाई वाले फसलों में गोभी, गाजर समेत ऐसी कई सब्जियों की रोपाई कर सकते हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, किसान भाई अगस्त माह में गोभी,गाजर पालक,मूली व धनिया आदि सब्जी की अगैती खेती (crops in august) कर खरीफ फसलो के नुकसान की भरपायी कर सकते है। अगर इन फसलो का बेहतर तरीके खेती की जाय तो बंपर लाभ मिल सकता है।क्योकी इस माह के तापमान में हल्की सिंचाई से ही इन सब्जियों की बीज जल्दी अंकुरित होते हैं।साथ ही इनमें बढ़वार भी तेजी से होती है।
कैसे करें गाजर की खेती
गाजर की खेती के लिए भूमि को अच्छी तरह से समतल कर 2 से 3 फीट गहरी जुताई करनी चाहिए। मिट्टी भुरभुरी होनी चाहिए। जुताई से पहले खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद डालें। गाजर के बीज की उन्नत किस्म जैसे पूसा केसर, घाली, पूसा यमदग्नि, नैनट्स का उपयोग करें। गाजर का उत्पादन 300 से 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो जाता है. गाजर में कैरोटीन और विटामिन ए, प्रोटीन और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। इस वजह से बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।
मूली की खेती कैसे करें
किसान अगस्त (crops in august) के दूसरे सप्ताह में इसकी बुआई कर सकते हैं. इसके लिए बलुई और दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। चिकनी एवं कठोर मिट्टी में इसकी फसल कम होती है। खेत की तैयारी के लिए तीन से चार गहरी नाली बनानी चाहिए और उसमें सड़ा हुआ गोबर और कम्पोस्ट मिला देना चाहिए। इसमें विटामिन सी, विटामिन के, फोलेट और कैल्शियम मौजूद होता है, जिसके कारण बाजार में इसकी मांग बनी रहती है।
पत्तागोभी और फूलगोभी की खेती कैसे करें
पत्तागोभी एवं फूलगोभी की बुआई अगस्त से सितम्बर (crops in august) तक की जा सकती है। अगस्त में बोई गई फसल सर्दी शुरू होने से पहले तैयार हो जाती है। मुख्यतः यह ठंडी जलवायु का पौधा है। इसके लिए 15 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है। खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद अवश्य डालें। पौधा लगाते समय पौधे से पौधे की दूरी 40 से 50 सेमी होनी चाहिए।
फूलगोभी के लिए बलुई दोमट मिट्टी उत्तम होती है। मिट्टी का pH मान 7.0 से कम होना चाहिए। इसके लिए आपको मिट्टी की जांच जरूर करानी चाहिए। इसकी खेती हमेशा समतल एवं अच्छे जल निकास वाली भूमि पर करनी चाहिए। पूसा दीपाली, अर्ली कुनारी, अर्ली पटना, पंत गोभी, पंत गोबी 3, पूसा कार्तिक, पूसा अर्ली सिंथेटिक, पटना अर्ली, सेलेक्शन 327 और सेलेक्शन 328 अगेती फूलगोभी की प्रमुख उन्नत किस्में हैं। इनके अलावा पंत शुभ्रा, इम्प्रूव जापानीज, हिसार 114, नरेंद्र पत्तागोभी 1, पंजाब ज्वाइंट, अर्ली स्नोबॉल, पूसा हाइब्रिड 2 आदि किस्में हैं।
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पालक की खेती कैसे करें
पालक की खेती अगस्त माह (crops in august) में भी की जा सकती है। पालक में कई खनिज पदार्थ मौजूद होने के कारण इसकी काफी मांग रहती है। इसके बीज को आधा से एक इंच गहराई में बोना चाहिए। पौधे से पौधे की दूरी 20 से 30 सेमी होनी चाहिए। पालक की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। इसे पानी की अधिक आवश्यकता होती है, इसकी खेती सिंचित भूमि में ही करनी चाहिए।
धनिया की खेती कैसे करें
धनिया एक मसाला फसल है, लेकिन इसकी हरी पत्तियों की भी बाजार में काफी मांग है। इसकी खेती अगस्त (crops in august) के अंतिम सप्ताह में की जा सकती है। इसकी खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन इसकी फसल में सिंचाई और मिट्टी का मानक बेहतर होना चाहिए।
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