UKPSC: देहरादूनः पूर्व आईएएस डॉ. राकेश कुमार ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे की वजह भले ही उन्होंने व्यक्तिगत और पारिवारिक बताया हो, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में लोक सेवा आयोग की छवि और प्रतिष्ठा बचाने का काम करने वाले राकेश कुमार के इस्तीफे को जनहित में बड़ा नुकसान माना जा रहा है। डॉ. राकेश कुमार की छवि एक ईमानदार और मेहनती अधिकारी की रही है।
2021 में संभाला था पदभार
डॉ. राकेश कुमार ने 24 दिसंबर 2021 को यह पद संभाला था और उनका कार्यकाल 6 साल का था, जिसमें काफी समय बचा था। अपने छोटे से कार्यकाल में उन्होंने लोक सेवा आयोग में विभिन्न 32 भर्ती परीक्षाओं के माध्यम से 4000 अभ्यर्थियों का चयन किया। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की भर्ती में जब पेपर लीक का भंडाफोड़ हुआ तो उत्तराखंड की सरकारी सेवा चयन संस्थाओं के लिए बहुत मुश्किल घड़ी आ गई।
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उत्तराखंड की धामी सरकार के अत्यंत विश्वसनीय, मेहनती और ईमानदार अधिकारियों की सूची में शामिल डॉ. राकेश कुमार पर विश्वास जताते हुए लोक सेवा आयोग को अधीनस्थ सेवा आयोग के माध्यम से सभी भर्तियों को पूरा करने की जिम्मेदारी दी गयी। जिन परीक्षाओं के केलेण्डर जारी हो चुके थे। लेकिन जब लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित लेखपाल भर्ती परीक्षा और इंजीनियर भर्ती परीक्षाओं में धांधली का मामला सामने आया तो राज्य के सामने यह सवाल खड़ा हो गया कि इन भर्तियों को निष्पक्ष तरीके से कैसे कराया जाए।
ऐसे कठिन समय में डॉ. राकेश कुमार ने लोक सेवा आयोग की सारी व्यवस्थाओं को बदलने का दायित्व न केवल अपने कंधों पर लिया, बल्कि उसे पूरा करके दिखाया भी। आयोग परिसर में पुलिस और गुप्तचर इकाइयों की स्थापना से लेकर दोहरी कागजी व्यवस्था तक आयोग में अनेक सुधार किए गए, जिनमें आमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिले। शनिवार को अचानक डॉ. राकेश कुमार के इस्तीफे की खबर ने सभी को हैरान कर दिया है क्योंकि वह अपनी ईमानदार और मेहनती छवि के लिए जाने जाते हैं। यह भी हो सकता है कि उनके इस्तीफे के पीछे कुछ राजनीतिक कारण रहे हों, लेकिन उनका इस्तीफा उत्तराखंड की राज्य और सरकार के लिए एक झटका है।
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