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Ujjain: सावन के आखिरी सोमवार को धूमधाम से निकाली गई महाकाल की अंतिम सवारी

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mahakal-ki-sawari-ujjain Ujjain Mahakal: मध्य प्रदेश के उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल के दरबार में श्रावण (सावन) माह के आठवें और अंतिम सोमवार को आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। आधी रात से ही लोगों का आना शुरू हो गया। सुबह ढाई बजे पट खुलते ही परिसर महाकाल के जयकारों से गूंज उठा। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इसके बाद दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ। वहीं सावन-भादौ माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की आठवीं सवारी श्रावण माह के आखिरी सोमवार को धूमधाम से निकाली गई।

महाकालेश्वर मंदिर से निकाली गई अंतिम सवारी

इस दौरान बाबा महाकाल ने आठ स्वरूपों में भक्तों को दर्शन दिए। सावन के आखिरी सोमवार को सोम प्रदोष का भी विशेष संयोग था इसलिए लाखों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे। सवारी जैसे ही गोपाल मंदिर पहुंची तो हरि-हर से मिलन हुआ। पूरा क्षेत्र जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान गोपाल मंदिर के पुजारी द्वारा बाबा महाकाल की विशेष पूजा-अर्चना की गई। श्रावण मास के आखिरी सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर से बाबा महाकाल की आठवीं सवारी धूमधाम से शाम 4 बजे मंदिर परिसर से निकली। सवारी के दौरान भगवान श्री महाकालेश्वर (mahakal) चाँदी की पालकी में चन्द्रमौलेश्वर स्वरूप में विराजित थे। वहीं हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव और नंदी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर राज्य के मुखारविंद, नए रथ पर घटाटोप स्वरूप और दूसरे नए रथ पर जटाशंकर और रथ पर नए स्वरूप रुद्रेश्वर मुखारविंद को जानने के लिए शामिल होते हैं। उनके विषयों की स्थिति। शहर के दौरे पर जाना है। ये भी पढ़ें..अहमदाबाद दुर्घटना मामला: तात्या पटेल के पिता ने अंतरिम जमानत के लिए HC का खटखटाया दरवाजा

जवानों ने दिया गार्ड ऑप ऑनर

इस दौरान मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। इसके बाद सवारी गुदरी चौराहा, बक्शी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची। सवारी मार्ग में जगह-जगह खड़े भक्तों ने जय श्री महाकाल के जयकारों के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान महाकालेश्वर पर पुष्प वर्षा की। रामघाट पर मोक्षदायिनी मां शिप्रा के जल से भगवान चंद्रमौलेश्वर एवं मनमहेश का अभिषेक पूजन किया गया। यहां पूजन के बाद सवारी पारंपरिक मार्ग रामानुज कोट, मोढ़ की धर्मशाला, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, कार्तिक चौक, गुदरी चौराहा, खाती का मंदिर, छत्री चौक, पटनी बाजार होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। श्रावण के आखिरी सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ उज्जैन पहुंचे। उन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन कर पूजा-अर्चना की और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद उन्होंने महाकाल लोक के भी दर्शन किये। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)