नोएडा: पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर की साइबर क्राइम टीम ने एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर करोड़ों की ठगी करने वाले दो विदेशी नागरिकों को बुधवार को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी नाइजीरिया और दूसरा केन्या निवासी है। पुलिस ने इन दोनों के कब्जे से 96 रीराइटेबल एटीएम कार्ड, 2 कार्ड क्लोनिंग मोडयूल, 2 लैपटॉप आदि चीजें बरामद की हैं।
पुलिस विभाग ने बनाया कि बुधवार को साइबर क्राइम सेल द्वारा एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय अफ्रीकन गैंग के 2 अभियुक्तों को कासा ग्रांड सोसाइटी, ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया गया है।गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से 96 रीराइटेबल एटीएम कार्ड, दो कार्ड क्लोनिंग मोडयूल, दो लैपटॉप, सात मोबाइल फोन, दो पिनहोल कैमरा, तीन पिनहोल कैमरा बैटर, एक डेटाकार्ड, दो पेनड्राइव, एक मेमोरी कार्ड, 17 सीट डेबिट कार्डो का डाटा, अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तथा 10000 रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
यह भी पढ़ें-नाबालिग ने की पिता की हत्या, सबूत मिटाने के लिए क्राइम सीरियल से लिया आइडियादोनों आरोपी वर्तमान में स्टडी वीजा पर ग्रेटर नोएडा की कासा ग्रांड सोसाइटी में रह रहे थे। जिले में दोनों के खिलाफ सैकड़ों मामले दर्ज हैं। साइबर सेल की जांच में पता चला कि एटीएम कार्ड क्लोनिंग कर एटीएम से अवैध रूप से पैसे निकालने के अपराध में पिछले 1 वर्ष से नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम तथा दिल्ली में भी दोनो सक्रिय थे। एडिशनल डीसीपी साइबर क्राइम अंकुर अग्रवाल ने बताया, "दोनों आरोपी कार्ड की क्लोनिंग करके और उस इन्फॉर्मेशन को ये एक दूसरे कार्ड के अंदर स्टोर करके अलग-अलग जगहों से पैसा निकाला करते थे। पुलिस ने इनके पास से इस तरह के लगभग 90 क्लोन कार्डस बरामद किए हैं।"
यह भी पढ़ें-कट्टरपंथी इस्लाम की निंदा कर रहे फ्रांस को मिला भारत का पुरजोर समर्थनपुलिस अभी सबूत जुटा रही है कि जो पैसा इनके खातों में गया है और जो इन्होंने पैसा खातों से निकाला है, उस पैसे को इन्होंने किस तरह से ट्रांसफर किया है। इस पूरी जांच में पुलिस ने करीब 94 विभिन्न जगहों पर घटित घटनाओं का खुलासा किया है। जिन विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, उनकी उम्र करीब 40 से 45 वर्ष के बीच में है।
पुलिस को लंबे समय से लंबे समय से लोगों की शिकायत मिल रही थी कि डेबिट कार्ड उनकी जेब में रहता है और उनके खाते से निकासी हो जाती है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच की गई तो पता चला ग्रेटर नोएडा के निवासियों के साथ यह घटनाएं अधिक हुई हैं। वहीं पुलिस ने फिर इस पूरे प्रकरण की जांच करना शुरू की, जिसके बाद इन दोनों आरोपियों को पकड़ा जा सका।