लखनऊः विद्युत विभाग के स्टोर में सामानों की कमी का खामियाजा हजारों किसानों को भुगतना पड़ रहा है। भुगतान के बाद भी इन किसानों को ट्रांसफार्मर, पोल व मीटर नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश के 27 हजार से अधिक किसान निजी नलकूप के कनेक्शन के विभाग का चक्कर लगा रहे हैं।
कनेक्शन न मिल पाने और बारिश भी न होने के चलते किसानों के सामने सिंचाई का बड़ा संकट खड़ा हो गया। इस मामले में नियामक आयोग ने सभी बिजली कम्पनियों के प्रबंध निदेशकों और यूपीपीसीएल से जवाब तलब किया है और 10 दिनों में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। जनहित के इस मुद्दे पर नियामक आयोग ने बिजली कम्पनियों के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार किया है और तत्काल जवाब देने को कहा है। ऐसा न करने पर स्टैंडर्ड अॉफ परफार्मेंस का उल्लंघन माना जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि बिजली कंपनियों द्वारा प्रदेश के किसानों से पूर्ण जमा योजना में पैसा जमा कराने के बाद भी उन्हें सामान नहीं उपलब्ध करा पाना बहुत ही गंभीर मामला है। पूर्व में प्रदेश सरकार सामान्य योजना के तहत किसानों को लगभग 68,000 रुपए की सब्सिडी देती थी। बीते कुछ वर्षों से सब्सिडी भी बंद हो गई है। ऐसे में जिस किसान ने कर्ज लेकर पूर्ण जमा योजना में पूरा भुगतान किया है, उसके साथ यह बर्ताव किया जाना बहुत ही गंभीर मामला है। इसके लिए नियामक आयोग को बिजली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
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18 हजार से अधिक उपभोक्ताओं का कनेक्शन पेंडिंग -
विद्युत विभाग में मीटरों की कमी से आम उपभोक्ता परेशान हैं। हजारों उपभोक्ताओं को नया मीटर न होने से कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। इन उपभोक्ताओं को विभाग के पास पैसा जमा करने के बाद भी नया कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की बात करें तो यहां पर ही करीब 18399 उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने झटपट पोर्टल पर सभी औपचारिकता पूरी करते हुए पैसा जमा कर दिया है, लेकिन मीटर उपलब्ध न होने से कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। ऐसे ही दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में भी नया कनेक्शन लेने वालों की संख्या 11000 से अधिक है। वहीं पश्चिमांचल व पूर्वांचल डिस्काॅम में भी हजारों की संख्या में उपभोक्ताओं मीटर न होने से कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। विद्युत विभाग में कई महीनों से मीटरों की कमी जारी है। बावजूद इसके ऊर्जा प्रबंधन मीटरों व सामानों की कमी को दूर करने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रहा है। इससे उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। यह हालात तब हैं जब विद्युत नियामक आयोग द्वारा यह कानून बनाया जा चुका है कि सभी विद्युत उपभोक्ताबों को एक तय समय पर विद्युत कनेक्शन दिया जाए और न दिए जाने पर उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए।
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