शिमलाः हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बादल फटने और भूस्खलन होने के बाद सड़कें अवरूद्व होने से 200 से अधिक लोग पिछले तीन-चार दिन से फंसे हुए हैं। लाहौल-स्पीति प्रशासन ने इन्हें सुरक्षित निकालने के लिए राज्य सरकार से हेलीकॉप्टर की मांग की है। राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के निदेशक सुदेश कुमार मोखटा ने शुक्रवार को बताया कि लाहौल-स्पीति में सड़कें अवरूद्ध होने से 10 राज्यों के 221 लोग फंस गए हैं। इनमें 191 लोग हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों से हैं। इसके अलावा पंजाब से 13, नई दिल्ली व महाराष्ट्र से चार-चार, उड़ीसा से तीन, हरियाणा व उत्तर प्रदेश से दो-दो तथा लद्दाख, झारखंड और कर्नाटक से एक-एक पर्यटक शामिल हैं।
पंजाब के होशियारपुर जिले से सात, जालंधर व संगरूर से दो-दो और अमृतसर व फिरोजपुर से एक-एक सैलानी फंसा है। इसी तरह हरियाणा के सोनीपत और गुड़गांव, झारखंड के डुम्का, कर्नाटक के मैसूर, महाराष्ट्र के मुंबई व पुणे, ओडिशा के भुवनेश्वर और उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के सैलानी भी फंसे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर सैलानी उदयपुर की पट्टन घाटी में फंसे हैं और इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सड़कें बंद होने की वजह से उन्हें निकालना मुश्किल है, क्योंकि पांगी होकर गुजरने वाली सड़क भी अभी बहाल नहीं हो पाई है। बारिश के बाद जिले में कई रास्ते व पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
यह भी पढ़ेंः-बारामुला में CRPF पार्टी पर ग्रेनेड हमला, दो जवान और एक नागरिक घायललाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने बताया कि फंसे लोगों को एक मंदिर में ठहराया गया है और उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। वे सभी सुरक्षित हैं। कुछ सैलानी छोटे बच्चों के साथ फंसे हैं और यदि मौसम अनुकूल हुआ तो उन्हें हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकालने की कोशिश की जाएगी। इस बीच सैलानियों के रेस्क्यू में मौसम बाधा बन सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने अगले दो दिन लाहौल-स्पीति सहित प्रदेश के अधिकतर इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका जताई है।