Tomato Price: महंगाई की मार झेल रहे आम जनता को एक और बड़ा झटका लगा है। बढ़ती महंगाई के बीच सब्जी मंडी में टमाटर की कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच गई है। देश के कई हिस्सों में टमाटर की कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम के पार हो गई है। बाजार के जानकारों के अनुसार बीते एक हफ्तों के दौरान ही बाजार में टमाटर की कीमतें दोगुना और कहीं-कहीं उससे भी ज्यादा हो गईं हैं। पिछले हफ्ते जो टमाटर बाजार में अपनी क्वालिटी के हिसाब से 30 से 40 रुपये के दाम पर बिक रहा था उसकी कीमतें अब 80 से 100 रुपये किलो तक पहुंच गईं हैं।
दरअसल, बिजली दरों में बढ़ोतरी के बाद राज्य में टमाटर की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं, जिसका असर लोगों पर पड़ रहा है। टमाटर (Tomato Price) की आसमान छूती कीमत सिर्फ दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में ही नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, झारखंड आदि राज्यों में भी पिछले कुछ हफ्तों के दौरान टमाटर की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है।
ये भी पढ़ें..Pragati Maidan: प्रगति मैदान लूटकांड केस में 5 गिरफ्तार, पुलिस की ताड़तोड़ छापेमारी जारी
एक हफ्ते में दोगुने हुए टमाटर के दाम
गौरतलब है कि टमाटर स्थानीय व्यंजनों का मुख्य घटक है और मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग इनके बिना खाना बनाने को मजबूर है। दूसरी ओर, कीमतों में बढ़ोतरी से राज्य में टमाटर उत्पादक खुश हैं क्योंकि उन्हें लंबे समय के बाद अच्छा पैसा मिल रहा है। सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटरों की कीमतें मॉल और सुपरमार्केट में 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। तीसरी गुणवत्ता के टमाटर जो स्थानीय बाजारों में आ रहे हैं, जहां अधिकांश परिवार खरीदारी करते हैं, उनकी कीमत 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम है। व्यापारियों का कहना है कि रुझान को देखते हुए जल्द ही यहां भी कीमतें 100 रुपये किलो तक पहुंच जाएंगी।
बाजार सूत्रों ने बताया कि इस सीजन में कोलार कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) में टमाटर की आवक में भारी गिरावट आई है। बेंगलुरु का बाज़ार जो टमाटर आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा प्रदान करता है, वहां 300 से 400 लोड की आवक देखी गई। जो इस सीजन में यह घटकर 100 पहुंच गया है। यहां से अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर गुजरात और केरल को निर्यात किए जा रहे हैं।
टमाटर की जगह इमली का होने लगा इस्तेमाल
बाजार सूत्रों को नासिक से टमाटर (Tomato Price) की आवक की उम्मीद है। पर्ण रोग के कारण टमाटर का उत्पादन प्रभावित हुआ। हालांकि टमाटर की कीमतों में हुई वृद्धि से किसान चेहरे पर खुशी साफ देखी जा रही है। जो किसान अच्छी फसल पैदा करने में कामयाब रहे, वे इस सीजन में होने वाले मुनाफे से खुश नजर आ रहे हैं। दरअसल कुछ दिन पहले कीमतों में भारी गिरावट को लेकर किसान टमाटर की फसल को सड़कों पर फेंककर विरोध जता रहे थे। तंग बजट के साथ अपना परिवार चलाने वाले मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों ने भोजन तैयार करने के लिए टमाटर के बजाय इमली का उपयोग करना शुरू कर दिया है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)