नई दिल्लीः हर महीने दो एकादशी मनायी जाती है। इस तरह साल में 24 एकादशियां आती है। एक पूर्णिमा के बाद और दूसरी अमावस्था के बाद एकादशी आती है। हिंदू पचांग के मुताबिक हर माह 11वीं तिथि को एकादशी आती है। इन्हीं में से एक पुत्रदा एकादशी है। यह एकादशी पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती है।
यह भी पढ़ें-विदाई से पहले चीन को ट्रंप का एक और झटका, सरकारी कंपनी को किया ब्लैकलिस्टहिंदू धर्म में माना जाता है कि पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत बेहद शुभ फलदायक होता है। इस वर्ष पुत्रदा एकादशी 24 जनवरी को है। कहा जाता है कि जो भी इस व्रत को करता है उसे संतान प्राप्ति जरूर होती है। वर्ष में 24 एकादशियों में से पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व है। हिंदू मान्यता में ऐसा कहा जाता है कि जो दंपति संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं या उन्हें संतान प्राप्ति नही हो पा रही है। उन्हें पुत्रदा एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए।
इसके साथ ही जो लोग इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं उन पर भगवान श्रीहरि की कृपा बनी रहती हैं। इस दिन पूरे पवित्र मन से व्रत करने के बाद कथा जरूर सुननी चाहिए। 24 को पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त 23 जनवरी को (शनिवार) रात 8 बजकर 56 मिनट से शुरू हो जाएगा और 24 जनवरी को (रविवार) रात 10 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। पुत्रदा एकादशी का पारण 25 जनवरी (सोमवार) को सुबह 7 बजकर 13 मिनट से सुबह 9 बजकर 21 मिनट तक किया जा सकेगा।