लखनऊः उत्तर प्रदेश में आम का सीजन करीब है। इस सीजन का आनंद उठाने वालों की कमी नहीं है। आम के शौकीनों के लिए खुशखबरी है कि आम की पैदावार इस बार अपेक्षा से काफी ज्यादा होगी। सर्दियों में चिंताजनक खबरें आ रही थीं, लेकिन हमने विशेषज्ञों के साथ किसानों और बुजुर्ग बागवानों का अनुभव भी साझा किया था। अब शोध करने वालों ने भी इस खबर पर मुहर लगा दी है यानी आम की पैदावार खुश करने वाली होगी।
जब आम किसान और बागवान परेशान थे, तब उनके लिए इंडिया पब्लिक खबर की ओर से शुभ संकेत दिए गए थे। आम ऐसी फसल है, जिससे किसानों और बागवानों का महीनों का खर्च चलता है। यह फल खाने और चखने के लिए कई महीने का इंतजार करना पड़ता है। जब मौसम खराब प्रभाव डालने लगे या मौसम ही बिगड़ने लगे तो इस फसल को नुकसान होना स्वाभाविक है। सर्दियों में करीब एक माह तक धूप नहीं दिखाई दी। यह चिंताजनक समय रहा।
आम के पेड़ में दिखने लगी नन्हीं अमिया
इसी समय पर अटकलें लगाई जाने लगीं कि आम की फसल कमजोर होगी। कुछ लोग तो साठ फीसदी कम उत्पादन का अनुमान लगा रहे थे। आम के बौर निकलने में केवल 15 दिन देरी हुई तो किसान और बागवान हताश हो गए थे। वसंत के दिन यह चिंता और बढ़ गई। वर्तमान में आम के पेड़ में नन्हीं अमिया भी दिख रही हैं। 15 दिनों में पेड़ बौर से लद चुके थे। इन दिनों धूप भी तेज होने लगी है। आम को सर्दियों की विदाई के समय बादल नुकसान पहुंचाता है। यह मौसम लासी को भी बढ़ावा देता है। ऐसे दिन फिलहाल आने का डर कम ही है यानी मौसम बराबर साथ देता रहेगा। यदि आम को डर है तो आंधी और तूफान से और यह हर साल रहता ही है।
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10 फीसदी ज्यादा आम का उत्पादन होने की उम्मीद
राष्ट्रीय मौसम विज्ञान विभाग ने अप्रैल-मई की अवधि में लू चलने का अनुमान जताया है। इस लू का आम की पैदावार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा की ओर से कहा गया है कि किसान फलों के अत्यधिक गिरने को कम करने की कोशिश करें। इसके लिए मई में पेड़ की सिंचाई करें। सामान्य से अधिक गर्मी की आशंका के चलते भी पेड़ की सिंचाई जरूरी है, क्योंकि अब फूल का नहीं फल का बढ़ना शुरू हो चुका है। पिछले साल से करीब 10 फीसदी ज्यादा आम का उत्पादन होने की उम्मीद है।
वैज्ञानिक डॉ. शरद ने बताया कि अब बौर को देखने का समय निकल चुका है। अब तक सब ठीक ही रहा, आने वाले दिन भी बेहतर ही होंगे। चकौली के आम किसान राजेश का कहना है कि वह खुश हैं। उनके सभी पेड़ अमिया से लदे हैं। मलिहाबाद आम बागवान राजेश सिंह यादव का कहना है कि उन्होंने दवा का छिड़काव समय रहते ही किया था। पेड़ की जड़ों के पास की मिट्टी की अच्छी तरह से गुड़ाई की है। अब गर्मी से बचाने और आम के फलों की बढ़वार के लिए सिंचाई जरूरी है। सिंचाई करने से फल आंधी में भी टूटकर कम गिरते हैं।
(रिपोर्ट-शरद त्रिपाठी)