फीचर्ड टॉप न्यूज़ जरा हटके

सुगंध के लिए इस्तेमाल की जाती है इस जीव की उल्टी, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश

A whale shark washed ashore at Valinokkam Beach in Ramanathapuram

 

लखनऊ: दुनिया तरह-तरह के अजूबों से भरी पड़ी है। आए दिन हमें कुछ ऐसी चीजों के बारे में सुनने को मिलता है जिस पर यकीन करना भी मुश्किल-सा होता है। आपने अभी तक जमीन में खुदाई करते समय खजाना या कीमती चीजें जैसे-सोना-चांदी आदि के मिलने के बारे में सुना होगा, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपको काफी अजीब लग सकता है और हैरानी भी हो सकती है..

बता दें, ताइवान में एक सुनसान टापू पर घूमते हुए एक शख्स को गोबर जैसी कठोर और सूखी चीज नजर आई, जिससे एक अच्छी गंध आ रही थी। इस सुगंध से आकर्षित होकर वो इसे अपने साथ किसी तरह घर ले आया। उस शख्स को इस बात का अंदाजा नहीं था कि ये खुशबु बिखेरता हुआ कठोर अपशिष्ट आखिर है क्या? काफी खोजबीन और पता लगाने के बाद इस बात की जानकारी हुई कि उसके हाथ 4 किलो का गोबरनुमा खजाना हाथ लग गया है, जो 210,000 डॉलर यानी 1.5 करोड़ रुपए में बिका। दरअसल, ये गोबरनुमा पत्थर व्हेल की उल्टी थी। कुछ दिन पहले ताइवान न्यूज साइट ने इस घटना पर एक रिपोर्ट भी प्रकाशित की है।

इसलिए सोने से भी ज्यादा महंगी बिकती है व्हेल मछली की उल्टी-

व्हेल के शरीर से निकलने वाले इस अपशिष्ट को कई वैज्ञानिक उल्टी बताते हैं, तो कई इसे मल बताते हैं। कई बार यह पदार्थ रेक्टम के जरिए बाहर आता है, लेकिन कभी-कभी पदार्थ बड़ा होने पर व्हेल इसे मुंह से उगल देती है। वैज्ञानिक भाषा में इसे एम्बरग्रीस कहते हैं। व्हेल की आंतों से निकलने वाला एम्बरग्रीस काले या स्लेटी रंग का ठोस, मोम जैसा ज्वलनशील पदार्थ है। यह पदार्थ व्हेल के शरीर के अंदर उसकी रक्षा करता है।

परफ्यूम बनाने में भी किया जाता है एम्बरग्रीस का इस्तेमाल 

आमतौर पर व्हेल समुद्र के तट से काफी दूरी बनाकर रहती हैं। ऐसे में उनके शरीर से निकले एम्बरग्रीस को समुद्र के किनारे आने पर कई साल लग जाते हैं। बता दें कि समुद्र के नमकीन पानी और सूरज की रोशनी के कारण यह अपशिष्ट चट्टान जैसी चिकनी, भूरी गांठ में बदल जाता है, जो मोम जैसा महसूस होता है। एम्बरग्रीस का इस्तेमाल परफ्यूम बनाने में किया जाता है। इस वजह से यह काफी कीमती होता है। एम्बरग्रीस से बने परफ्यूम की खुशबु लंबे समय तक बनी रहती है। कई वैज्ञानिक एम्बरग्रीस को तैरता सोना भी कहते हैं। वहीं इसकी वजन की बात करें, तो ये 15 ग्राम से 50 किलो तक हो सकता है।

यह भी पढ़ें- ताइवान की राष्ट्रपति भारतीय खाने की हैं मुरीद, बताई अपनी फेवरेट डिश

दुनिया के कई इलाकों में एम्बरग्रीस से बने परफ्यूम का इस्तेमाल किया जाता है। प्राचीन मिस्र के लोग एम्बरग्रीस से अगरबत्ती और धूप बनाया करते थे। यूरोप में ब्लैक एज के दौरान लोगों का यह मानना था कि एम्बरग्रीस का एक टुकड़ा साथ रखने से उन्हें प्लेग रोकने में मदद मिल सकती है। क्योंकि एम्बरग्रीस की सुगंध हवा की गंध को ढक लेती थी, जिसे प्लेग का कारण माना जाता था।