क्राइम दुनिया

अच्छे वेतन और रोजगार के लालच में बंधक बनाए गए 35 नेपाली लौटे वतन, एजेंट गिरफ्तार

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काठमांडूः अच्छे वेतन के साथ रोजगार का वादा कर कश्मीर ले जाए जाने के बाद तीन महीने तक बंधक बनाकर रखे गए 35 नेपाली मजदूरों को रिहा कर दिया गया है। इन्हें 3 फरवरी को बिहार के चार एजेंटों के माध्यम से कश्मीर ले जाया गया था। इन सभी को कश्मीर के बड़गांव से बचाया गया जो पिछले बुधवार रात घर लौट आए। कश्मीर पुलिस ने उन्हें बंधक बनाने वाले दो एजेंटों को भी गिरफ्तार किया है।

बंधक बनाकर किया जा रहा था प्रताड़ित

नेपाली दूतावास, किन इंडिया और जम्मू-कश्मीर पुलिस की पहल पर पांच बच्चों समेत बचाये गये सभी 35 लोग नेपाल के सरलाही, धनुषा और महोत्तरी जिले के रहने वाले हैं। इन लोगों ने बताया कि कुल 43 लोगों को 720 रुपये की दैनिक मजदूरी पर कश्मीर ले जाया गया था। दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास की काउंसलर सह नेपाल पुलिस की एसएसपी उमा चतुर्वेदी ने टेलीफोन पर बताया कि ये सभी मजदूर कश्मीर में बंधक बनाकर रखे गये थे। लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। चतुवेर्दी ने कहा कि बचाए गए लोगों को उनके काम के लिए भुगतान भी नहीं किया गया। उनके अनुसार, 43 बंधकों में से सात पहले ही भाग चुके थे।

 देते थे जान से मारने की धमकी

नेपाली दूतावास की ओर से बताया गया है कि एक एजेंट का रिश्तेदार नेपाली लड़का कश्मीर में रहता है। रिहा हुए एक मजदूर ने कहा कि कश्मीर पहुंचने के बाद हमें पीटा गया और हमारे मोबाइल फोन, पैसे और नागरिकता के दस्तावेज छीन लिए गए। मजदूर ने यह भी बताया कि हमें अच्छा खाना भी नहीं मिलता था। साइट पर न तो भोजन उपलब्ध था और न ही पानी। भोजन न मिलने पर भूखा रहना पड़ता था। वह हमें एक-दो समोसे और जूस खाने को देकर पूरा दिन काम कराते थे। बचाए गए एक अन्य नेपाली मजदूर रंजीत चौधरी ने कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने सात नेपालियों की गोली मारकर हत्या कर दी और उन्हें बोरे में डाल दिया।

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नई दिल्ली स्थित किन इंडिया के अध्यक्ष नवीन जोशी ने टेलीफोन पर बताया कि रिहा किए गए श्रमिक सुरक्षित अपने गांव लौट आए हैं। उन्होंने बताया कि हमने 18 साल से कम उम्र के पांच बच्चों समेत 35 नेपाली लोगों को कश्मीर से दिल्ली के रास्ते उनके गांव लौटाया है। उन्होंने कहा कि इन मजदूरों को बेहद अमानवीय परिस्थितियों में बंधक बनाकर रखा गया था। हम नेपाली दूतावास, कश्मीर पुलिस और अन्य एजेंसियों के समन्वय से उन्हें बचाने में कामयाब रहे। कश्मीर पुलिस ने उन्हें बंधक बनाने वाले दो एजेंटों को भी गिरफ्तार किया है।

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