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महाराष्ट्र में तेज बारिश से हालात बेहद खराब, पहाड़ी धसकने की घटनाओं में 52 लोगों की मौत

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मुंबईः महाराष्ट्र में पिछले चार दिनों से हो रही बरसात से कई जिलों में हालात खराब हो गए हैं। इस बीच राज्य के तीन जिलों में पहाड़ी धसकने की तीन घटनाओं में अब तक 52 लोगों की जान जा चुकी है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को केंद्र से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा भी की। ठाकरे ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सूरते हाल से अवगत कराया था। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। रायगढ़ की जिला अधिकारी निधि चौधरी ने बताया कि ग्राम कलई में पहाड़ी धसकने से 38 लोगों की मौत हुई है, जबकि मलबे में कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है। वहीं, स्थानीय निवासियों ने मलबे में 80 लोगों के दबे होने की आशंका जताई है। रत्नागिरि जिला प्रशासन के मुताबिक जिले की खेड़ तहसील के ग्राम धामड़ंग में दो लोगों की मौत हुई है, जबकि 17 लोगों के दबे होने की आशंका है। सातारा जिले के ग्राम आम्बेधर में 12 लोगों की मौत हुई है।

मुख्यमंत्री ठाकरे ने राज्य में उत्पन्न संकट के मद्देनजर आपातकालीन बैठक बुलाई थी। बैठक में मुख्यमंत्री ने पहाड़ी क्षेत्रों में खतरनाक जगहों पर रहने वालों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री से बात की और राज्य में हर तरह की आवश्यक सुविधा उपलब्ध करवाए जाने की मांग की। प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री ने हर तरह की मदद का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने बताया कि मौसम में आए बदलाव से सभी अनुमान विफल साबित हुए हैं। पहाड़ी की गोंद में कई वर्षों से रहने वाले लोगों पर पहाड़ी धसकने का खतरा मंडराने लगा है। राज्य में अब तक इस तरह की तीन घटनाएं हुई हैं, सभी जगह राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, नौसेना और आपातकालीन रेस्क्यू टीम राहत एवं बचाव कार्य में लगी है। प्रशासन को सतर्क रहकर किसी भी कीमत पर लोगों को बचाने का आदेश दिया गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम में हुए बदलाव को देखते हुए आपातकालीन नियमों में बदलाव किया जाना आवश्यक है, जिससे प्रभावित लोगों को बढ़ चढ़कर मदद की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में कुल 15 एनडीआरएफ की टीम राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। इनमें पालघर में एक, ठाणे में 2, रत्नागिरी में 4, सिंधुदुर्ग में एक, सातारा में एक और कोल्हापुर में 2 टीम शामिल हैं और पोलादपुर में एक टीम हवाई मार्ग से भेजी गई है। इसी तरह तटरक्षक बद की 2 टीम, नौसेना की दो टीम भी राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि आज एनडीआरएफ की 9 टीम भुवनेश्वर से महाराष्ट्र के विभिन्न प्रभावित इलाकों में पहुंचने वाली हैं। राज्य में अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 500 लोगों को बचाया गया है। चिपलुन में 4 जगह राहत केंद्र शुरू किए गए हैं। राज्य सरकार की ओर से प्रभावितों को भोजन एवं रहने की वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जा रही है।