नई दिल्लीः सूर्य ग्रहण के 15 दिन बाद साल का पहला चंद्र ग्रहण पांच मई (शुक्रवार) को लग रहा है। साल का पहला चंद्र ग्रहण वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन लग रहा है। इस दिन बुद्ध पूर्णिमा भी है। बुद्ध पूर्णिमा को चंद्रमा उपछाया ग्रहण के साये में होगा। इसमें चांदनी कुछ फीकी सी होगी। जिस वजह से भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा। चंद्र ग्रहण का कुल समय चार घंटे और 15 मिनट बताया जा रहा है। साल का यह पहला चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया के ज्यादातर हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, अंटार्कटिका और हिंद महासागर में दिखाई देगा।
कब लगेगा चंद्र ग्रहण
रात 08.44 बजे से ग्रहण आरंभ होकर रात्रि 01.01 बजे पर समाप्त होगा। चार घंटे 18 मिनट अवधि के इस ग्रहण का मध्यकाल रात 10.52 बजे होगा। यह उपछाया ग्रहण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी पश्चिमी यूरोप में दिखाई देगा।क्यों लगता है चंद्र ग्रहण
इस घटना के समय सूरज और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जायेगी। इससे पृथ्वी की छाया और उपछाया दोनों बनेगी। इस ग्रहण के समय चंद्रमा उपछाया वाले भाग से होकर निकलेगा जिससे ग्रहण के दौरान चंद्रमा की चमक फीकी पड़ जायेगी। ये भी पढ़ें..Aaj Ka Rashfal 04 May 2023: आज का राशिफल गुरूवार 04 मई 2023, जानें कैसा रहेगा आपका दिनचंद्र ग्रहण के दिन भूलकर भी न करें यह कार्य
- चंद्र ग्रहण के दौरान मांगलिक कार्यो की मनाही है। ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान किये गये कार्यो का परिणाम अशुभ हो सकता है।
- ग्रहण के दौरान नयी चीजें खरीदने से परहेज करना चाहिए। साथ ही खान-पान की चीजें भी नहीं बनानी चाहिए और न ही खाना चाहिए। ऐसा करना अशुभ फलदायी माना गया है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के अवधि के दौरान व्यक्ति को नींद भी नहीं लेनी चाहिए। साथ ही गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान धार्मिक कार्यों को अशुभ माना जाता है। इस दौरान भगवान की मूर्ति का स्पर्श भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से देवी-देवता नाराज हो जाते हैं। इसीलिए ग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिये जाते हैं और ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर और भगवान को स्नान कराया जाता है।