गया: विश्व प्रसिद्ध मोक्ष की धरती गया में पितृपक्ष मेले के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। कोरोना काल में दो साल पितृपक्ष मेले का आयोजन नहीं हुआ था, इस कारण इस साल श्रद्धालुओं के अधिक संख्या में पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। इस साल नौ सितंबर से शुरू हो रहे पितृपक्ष मेला में पिंडदानियों को छांव में पिंडदान करने की व्यवस्था की जा रही है। पिंडदान करने वालों के लिए करीब सभी पिंड वेदियों के पास बड़े बड़े पंडाल लगाए जा रहे हैं। यहां देश-विदेश से पहुंचने वाले पिंडदानियों के स्वागत की जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है।
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सभी वेदियों पर लगाए गए पंडाल -
जिला प्रशासन ने इस बार धूप में नहीं छांव में बैठ पिंडदानी कर्मकांड करने की व्यवस्था उपलब्ध कराई है। इसके लिए सभी वेदियों पर पहली बार वृहद पंडाल का निर्माण कराया गया है। एक अधिकारी बताते हैं कि इस साल अधिकांश वेदियों पर पंडाल निर्माण कार्य करता जा रहा है। प्रमुख मानी जाने वाली वेदियों पर बड़े बड़े पंडाल लगाए जा रहे हैं, जिससे पिंडदानियों को परेशानी नहीं हो। पंडाल लगा रहे व्यवसाई एकराम बताते हैं कि कई पिंड वेदियों पर चार से पांच पंडाल लगाए जा रहे हैं। कुछ वेदियों पर बचे कार्य को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि देवघाट पर पांच पंडाल बना है।
गांधी मैदान में बना टेंट सिटी -
उल्लेखनीय है कि पिंडदान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को रहने के लिए गांधी मैदान में टेंट सिटी का निर्माण करवाया गया है। यहां तीन टेंट सिटी बनाए गए हैं, जो सारी सुविधाओं से लैस हैं। सुरक्षा के ²ष्टिकोण से टेंट सिटी के पास सुरक्षा गार्ड की भी तैनाती रहेगी। बता दें कि यह टेंट सिटी बिल्कुल फ्री है। तीर्थयात्रियों से किसी भी तरह का कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। टेंट सिटी को आरामदायक बनाया गया है। विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के सचिव गजाधरलाल पाठक भी इस साल की गई व्यवस्था से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा इस साल बेहतर व्यवस्था की जा रही है। अधिकांश वेदियों पर वृहद पंडाल बन रहे हैं।
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