फिरोजाबादः कोर्ट ने शुक्रवार को नाबालिग छात्र के साथ कुकर्म करने वाले दोषी अध्यापक को 11 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर उसे अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। उल्लेखनीय है कि नारखी थाना क्षेत्र निवासी 10 वर्षीय बालक कक्षा पांच का छात्र था। न्यू रामगढ़ में रहने वाले स्कूल प्रबंधक योगेश कुमार तथा अध्यापक मधुसूदन दास शुक्ला 30 जून, 2018 को बालक के घर पहुंचे। उन्होंने बालक के पिता से यह कहा कि बच्चे का होमवर्क बाकी है। उसे पूरा कराने के लिए कमरे पर भेज देना।
पिता ने बेटे को होमवर्क को पूरा कराने के लिए शिक्षक मधुसूदन दास के कमरे पर भेज दिया। वहां अध्यापक मधुसूदन ने बालक के साथ कुकर्म किया। कुकर्म के बाद शिक्षक ने बालक धमकी दी कि वह इस बारे में किसी को भी न बताए। बालक डर के चलते कई दिनों तक स्कूल नहीं गया। परिवारजनों को बेटे के व्यवहार पर चिंता होने लगी तो उन्होंने पूछताछ की। तब बालक ने अपने परिजनों से सारी बात बता दी।
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इस पर पिता ने अध्यापक के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराया। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी अध्यापक मधुसूदन के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट संख्या 1 अवधेश कुमार सिंह की कोर्ट में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अवधेश भारद्वाज ने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी।
कई साक्ष्य कोर्ट के सामने प्रस्तुत किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने मधुसूदन दास को दोषी करार दिया। कोर्ट ने आरोपी को 11 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अर्थदंड न देने पर दोषी को 2 वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। कोर्ट ने अर्थदंड की आधी राशि पीड़ित को देने के आदेश दिए है।
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