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तालिबान की सताई 'हरी आंखों' वाली अफगानी 'युवती' को इस देश में मिली पनाह

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काबुल: अफगानिस्तान की हरी आंखों वाली एक युवती की तस्वीर ने एक समय में पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। इस लड़की की आंखों में तालिबान की दहशत और क्रूरता साफ झलकती थी। अब पता चल गया है कि ये लड़की दशकों बाद आखिर कहां रह रही है। मिली जानकारी के मुताबिक साल 1985 में नैशनल जियोग्राफिक के कवर पेज पर छपने वाली शरबत गुला को इटली ने सुरक्षित पनाह दे दी है। बताया जा रहा है कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद शरबत गुला ने देश छोड़ दिया था। कई सालों तक वह पाकिस्तान के शरणार्थी शिविर में रही। अब उसे इटली में आश्रय मिल गया है।

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इटली ने दी पनाह

बता दें कि अफगानिस्तान की शरणार्थी 'हरी आंखों' वाली शरबत गुला, जिसे दशकों पहले नेशनल ज्योग्राफिक के कवर पेज पर जगह मिली थी, उसे अब इटली ने पनाह दे दी है। तारीख का उल्लेख ना करते हुए एक बयान में कहा गया है कि अफगान नागरिक शरबत गुला रोम पहुंच गई हैं। रोम ने कहा कि उसने तालिबान-नियंत्रित देश छोड़ने में मदद करने के लिए अफगानिस्तान में काम कर रहे एक एनजीओ को बताया था। उन्होंने कहा कि अफगान नागरिकों के लिए व्यापक निकासी कार्यक्रम और सरकार की योजना के एक हिस्से के रूप में उसे इटली तक लाया गया।

नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका के कवर पेज पर हुई थी प्रकाशित

साल 1980 में अमेरिकी फोटोग्राफर स्टीव मैककरी द्वारा पाकिस्तान के एक शिविर में गुला की फोटो खींचने के बाद गुला अफगानिस्तान की सबसे प्रसिद्ध शरणार्थी बन गई और इसे नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका के कवर पेज पर प्रकाशित किया गया था। गुला ने कहा कि वह 1979 के सोवियत आक्रमण के करीब चार या पांच साल बाद पहली बार एक अनाथ के रूप में पाकिस्तान पहुंची थी। वह उन लाखों अफगानों में से एक थी, जिन्होंने तब सीमा पर शरण ली थी। फर्जी पहचान पत्रों पर पाकिस्तान में रहने के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद 2016 में उसे वापस अफगानिस्तान भेज दिया गया था। गुला के 4 बच्चे हैं, जबकि इसके पति की मौत हो चुकी है।

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