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उपेक्षित हैं बलिदान के मौन साक्षी बूढ़े दरख्त

  1857 की क्रांति से पहले अंग्रेजों को यह स्वप्न में भी आभास नहीं रहा होगा कि हिन्दुस्तान की जनता विद्रोह करके सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ले लेगी। यही कारण था कि अंग्रेजी हुकूमत ने विद्रोह को सत्ता की ताकत ...