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सुखबीर सिंह बादल को हाई कोर्ट से बड़ी राहत, 23 अगस्त तक गिरफ्तारी पर लगी रोक

Shiromani Akali Dal (SAD) chief Sukhbir Singh Badal addresses after stitching an alliance with the Bahujan Samaj Party

चंडीगढ़ः मानहानि के केस में उलझे शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट से राहत मिली है। हाई कोर्ट ने सुखबीर सिंह बादल की अंतरिम जमानत अवधि को 23 अगस्त तक जारी रखने का फैसला दिया है। दरअसल जनवरी 2017 में केजरीवाल पर बयान देने पर चंडीगढ़ में मानहानि की शिकायत दर्ज की गई थी। यह मामला 2017 के विधान सभा चुनावों का है, जब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पंजाब दौरे पर सुखबीर बादल ने बयान देते हुए कहा था कि केजरीवाल पंजाब में आतंकवादियों से मिल रहे हैं और अखंड कीर्तनी जत्थे के साथ नाश्ता किया है, जोकि आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का राजनैतिक फ्रंट है।

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सुखबीर बादल ने कहा था कि अगर पंजाब में आप की सरकार बनी तो यहां अराजकता फैल जाएगी, इसी बयान पर तब चंडीगढ़ में सुखबीर बादल के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। इस मामले में चंडीगढ़ की अदालत ने उन्हें वारंट जारी किए थे, जिसके खिलाफ सुखबीर बादल ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 9 दिसंबर, 2020 को हाईकोर्ट ने वारंट पर रोक लगाते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी। अब हाईकोर्ट ने इस आदेश को 23 अगस्त तक जारी रखने के आदेश दिए हैं।

इसी को लेकर ही उनके खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज करवाई गई है। सुखबीर बादल का कहना है कि इस बयान में उन्होंने शिकायतकर्ता का नाम तक तक नहीं लिया है और वैसे भी उस समय वह पंजाब के गृह मंत्री भी थे और ऐसे में राज्य में कानून व्यवस्था को देखना उनकी जिम्मेदारी थी। सुखबीर बादल ने 17 नवंबर को जारी जमानती वारंट के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। सुखबीर बादल ने अपने खिलाफ अखंड कीर्तनी जत्थे के राजिंदर पाल सिंह द्वारा दायर मानहानि की शिकायत को भी रद्द करने की हाईकोर्ट से मांग की है।

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