देहरादूनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां भारत को डिजिटल इंडिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, वहीं अपराधी फर्जी दस्तावेजों के जरिए नए-नए तरीकों से साइबर क्राइम को अंजाम देने में लगे हुए हैं। साइबर अपराधियों के कनेक्शन देशभर में जुड़े हुए हैं। उत्तराखंड एसटीएफ (STF) ने कई साइबर अपराधियों को पकड़कर सलाखों के पीछे पहुंचाया है और ऐसे अपराधियों को सबक सिखाने में लगी हुई है।
कैसे करतें है ठगी
ये साइबर अपराधी विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग करके लोगों को अधिक मुनाफे का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं और उनसे एकमुश्त पैसा जमा कराते हैं और उनकी मेहनत की कमाई को हजम कर जाते हैं। वे मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से धोखाधड़ी करते हैं। इसके लिए वे नाम, आईडी, बैंक खाता, सिम कार्ड, चेक बुक आदि फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेते हैं।
एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस लगातार ऐसे साइबर अपराधियों की धरपकड़ कर रही है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरलीकरण, समाधान और निपटान की सोच के अनुरूप पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार के निर्देशन में इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उत्तराखंड को अपराध मुक्त बना रही है। देहरादून साइबर पुलिस देश भर के विभिन्न राज्यों से प्राप्त शिकायतों के संबंध में जानकारी के लिए अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क कर रही है।
अज्ञात अवसरों के प्रलोभन में न पड़ें-
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखंड आयुष अग्रवाल ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के आकर्षक अवसरों, फर्जी साइटों, रकम दोगुनी करने के अज्ञात अवसरों के लालच में न आएं और टिकट बुक करें। यूट्यूब जैसे फर्जी निवेश ऑफर, लाइक, सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें और किसी भी अनजान व्यक्ति के संपर्क में न आएं या सोशल मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति से दोस्ती न करें।
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साइबर अपराध होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें
अज्ञात कॉल करने वाले की प्रामाणिकता की जांच किए बिना किसी भी प्रकार की जानकारी या दस्तावेज न दें। किसी भी प्रकार की ऑनलाइन नौकरी के लिए आवेदन करने से पहले उक्त साइट का पूर्ण सत्यापन और संबंधित कंपनी से उचित जांच आदि सुनिश्चित कर लें। किसी भी कस्टमर केयर नंबर को गूगल पर सर्च न करें। संदेह होने पर तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से संपर्क करें। साइबर क्राइम होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें।
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