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प्रदेश सरकार ने दो केंद्रीय मंत्रियों का खत्म किया राजकीय अतिथि का दर्जा, सियासत हुई तेज

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रांचीः झारखंड सरकार ने तय किया है कि राज्य में चल रही पंचायती राज चुनावी प्रक्रिया के दौरान केंद्रीय मंत्री अगर राज्य में किसी राजनीतिक कार्यक्रम में शिरकत करते हैं, तो उन्हें राजकीय अतिथि का दर्जा नहीं दिया जायेगा। इसी आधार पर कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने झारखंड के दौरे पर आये केंद्रीय पंचायती राज विभाग के राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल और शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी (Annapurna Devi) से राजकीय अतिथि का दर्जा खत्म कर दिया है। ये दोनों मंत्री सरकारी दौरे पर हैं और इस दौरान इनका अपनी पार्टी के कार्यकतार्ओं से मुलाकात का भी कार्यक्रम तय था। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा और शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी (Annapurna Devi) ने राज्य सरकार की इस कार्रवाई को बेतुका बताया है। अर्जुन मुंडा ने कहा है कि जब पंचायतों के चुनाव दलीय आधार पर नहीं हो रहे हैं तो किसी केंद्रीय मंत्री के क्षेत्र भ्रमण को आचार संहिता से जोड़कर देखना समझ से परे है।

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गौरतलब है राज्य में इन दिनों पंचायती राज चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और इसी दौरान राज्य के 24 में से 19 आकांक्षी जिलों में अप्रैल-मई में 19 मंत्रियों के दौरे का कार्यक्रम तय है। राज्य की सत्ताधारी पार्टियों कांग्रेस और झामुमो को इसपर सख्त एतराज है। इसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग के पास शिकायत दर्ज करायी गयी है। झामुमो सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य, वरिष्ठ नेता विनोद पांडेय और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने आयोग को सौंपे गये ज्ञापन में मांग की है कि केंद्रीय मंत्रियों के सरकारी दौरे के दौरान राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगायी जाये। राज्य सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रियों के दौरे का कार्यक्रम जिस तरह तय हुआ है, उससे आशंका यही है कि वे राज्य में पंचायत चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि आयोग ने यह साफ कर दिया है कि केंद्रीय मंत्रियों के दौरे पर रोक नहीं लगायी जा सकती। केंद्रीय मंत्री अगर चुनाव प्रचार करते हैं तो उन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ देय नहीं है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह सामान्य प्रोटोकॉल है कि जब कोई केंद्रीय मंत्री राज्य के सरकारी दौरे पर होते हैं, तो उन्हें राजकीय अतिथि का दर्जा दिया जाता है। इस नाते राज्य में उनके निवास, भोजन, वाहन आदि की सुविधाएं राज्य सरकार की ओर से की जाती है। तय प्रोटोकॉल के तहत उन्हें जिस स्तर की सुरक्षा मिलनी है, उसकी व्यवस्था भी राज्य सरकार की ओर से की जाती है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने जिन केंद्रीय मंत्रियों का राजकीय अतिथि का दर्जा रद्द किया है, उन्हें सुरक्षा के अलावा कोई अन्य सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जायेगी। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी झारखंड के कोडरमा क्षेत्र से सांसद हैं। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय मंत्री होने के नाते वह राज्य और अपने संसदीय क्षेत्र के भ्रमण पर हैं। यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार का निर्णय अव्यावहारिक है।

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