शिमला: हिमाचल प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण शीतलहर का असर बढ़ गया है। जनजातीय क्षेत्रों लाहौल-स्पीति, किन्नौर और पांगी में रुक-रुक कर बर्फबारी का दौर जारी है। कूल्लु, सिरमौर और शिमला जिला की ऊंची चोटियों पर भी ताज़ा हिमपात हुआ है।
वहीं शिमला शहर समेत मैदानी एवं मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में बीती रात धूल भरी आंधी के साथ झमाझम बारिश हुई है। बारिश-बर्फबारी के कारण जहां मैदानी हिस्सों में गर्मी का प्रकोप कम हुआ है, वहीं पर्वतीय इलाकों में पारा लुढ़कने से शीतलहर तेज़ हो गई है। जनजातीय भागों में तो पारा माइनस में पहुंच गया है।
राज्य में सबसे ठंडा रहा केलांग -
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के मुख्यालय केलांग में न्यूनतम तापमान -0.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। यह राज्य का सबसे ठंडा स्थल रहा। इसके अलावा कुकुमसेरी में न्यूनतम तापमान 0.1 डिग्री, कल्पा में 0.6 डिग्री, नारकंडा में 3.6, रिकांगपिओ में 4, मनाली में 6, कुफरी में 6.2, डल्हौजी में 6.4, भरमौर में 7, मशोबरा में 8.2 और शिमला में 9.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है।
ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान -
मौसम विभाग के अनुसार बीती रात हंसा में 20, कुकुमसेरी में 12, गोंदला में 10 और केलांग में 7 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है। वहीं वर्षा की बात करें तो कल्पा में 46, जोगेंद्रनगर व रिकांगपिओ में 45-45, सांगला में 43 और शिमला में 28 मिलीमीटर वर्षा हुई। शिमला, कांगड़ा, कूल्लु, सुंदरनगर, बिलासपुर और पालमपुर में ओलावृष्टि भी हुई है। कई स्थानों पर भारी ओले गिरने से सेब, गेहूं और आम की पैदावार को नुकसान पहुंचा है।
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चार दिन खराब रहेगा मौसम -
मौसम विभाग ने अगले चार दिन मौसम के खराब रहने का अनुमान जताया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से बारिश-बर्फबारी हो रही है। उन्होंने कहा कि अगले 24 घण्टों में मैदानी व मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। आगामी 23 अप्रैल तक राज्य में मौसम खराब रहेगा।
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