नई दिल्ली : कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) रोजगार के अवसरों और व्यावहारिक प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री कौशल भारत मिशन के हिस्से के रूप में 11 जुलाई, 2022 को 'प्रधानमंत्री राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप (प्रशिक्षुता) मेला' का आयोजन करेगा। इस एक दिवसीय 'प्रशिक्षुता मेले' में 1000 से अधिक कंपनियां और 500 अलग-अलग प्रकार के ट्रेड शामिल होंगे। एमएसडीई 200 से अधिक जगहों पर इस कार्यक्रम का आयोजन करेगा, जिससे आवेदकों को अपने करियर संवारने का सुनहरा मौका मिलेगा।
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'प्रशिक्षुता मेले' का हिस्सा बनने के लिए आवेदकों के पास 5वीं से 12वीं तक के प्रमाणपत्र, कौशल प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, आईटीआई डिप्लोमा या स्नातक डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा, वेल्डिंग, इलेक्ट्रिकल वर्क, हाउसकीपिंग, ब्यूटीशियन, मैकेनिक आदि जैसे 500 से अधिक ट्रेडों का भी चयन किया जाएगा। उम्मीदवार प्रशिक्षण के बाद अपनी रोजगार क्षमता में सुधार लाते हुए राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) से मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र भी प्राप्त करेंगे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षण और व्यावहारिक कौशल के माध्यम से आवेदकों की क्षमता का पता लगाने और उन्हें विकसित करने में भी मदद करना है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेले पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा, "हमें उम्मीद है कि प्रशिक्षुता मेला देश भर में प्रतिभाशाली व्यक्तियों के लिए रोजगार का अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराएगा। इन कार्यक्रमों का प्राथमिक उद्देश्य अधिक प्रशिक्षुओं की भर्ती करना है और व्यावहारिक प्रशिक्षण बढ़ावा देना है।" कौशल विकास के तहत प्रशिक्षुता सबसे टिकाऊ मॉडल है और स्किल इंडिया के तहत इसे व्यापक रूप से बढ़ावा मिल रहा है। हाल ही में प्रशिक्षुओं के पहले समूह को राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) के तहत प्रत्यक्ष लाभार्थी हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से उनके खातों में वजीफा सब्सिडी प्राप्त हुई है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेलों में भाग लेने वाली कंपनियां एक ही मंच पर संभावित प्रशिक्षुओं से मिल सकती हैं और उसी स्थान पर आवेदकों का चयन भी कर सकती हैं। मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रत्येक महीने, प्रशिक्षुता मेला आयोजित किया जाएगा जिसमें चयनित व्यक्तियों को नए कौशल प्राप्त करने के लिए सरकारी मानदंडों के अनुसार मासिक वजीफा प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें सीखने के दौरान आय अर्जित करने का अवसर प्राप्त होगा। प्रशिक्षुओं के वजीफे का भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा।
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