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किसान आंदोलनः सकारात्मक रही छठे दौर की बैठक, 2 मुद्दे सुलझे, 4 जनवरी को फिर होगी बैठक

New Delhi: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar, Consumer Affairs Minister Piyush Goyal and Union Minister of State Som Prakash address the media after holding the sixth round of talks with farmer leaders over the three contentious farm laws at Vigyan Bhawan in New Delhi on Dec 30, 2020. (Photo: Bidesh Manna/IANS)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार और किसानों के बीच बुधवार को विज्ञान भवन में हुई छठे दौर की बैठक काफी सकारात्मक रही। यह पहली बैठक रही, जिसमें दोनों पक्षों के बीच पचास प्रतिशत मुद्दों पर सहमति कायम हुई है। छठे राउंड की बैठक के एजेंडे में चार प्रमुख मुद्दे शामिल रहे। जिसमें कृषि कानून और एमएसपी छोड़कर अन्य दो मांगों पर सरकार सहमत हुई है। जिन मुद्दों पर सरकार सहमत हुई है वह बिजली और पराली से जुड़ा है। अब चार जनवरी को होने वाली सातवें राउंड की बैठक में तीनों कृषि कानूनों और एमएसपी की गारंटी जैसे दो मुद्दों पर ही चर्चा शेष रह गई है। करीब पांच घंटे चली छठे राउंड की बैठक को जहां कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बेहद सकारात्मक बताया, वहीं पराली और बिजली से जुड़े मुद्दों पर सरकार की ओर से सहमत होने पर किसान नेताओं के चेहरे पर भी संतोष के भाव रहे। बैठक में शामिल भारतीय किसान यूनियन के हरपाल सिंह बेलरी ने कहा कि सरकार से आज चार मुख्य मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें बिजली और पराली से जुडे दो मुद्दों पर सरकार ने सहमति व्यक्त करते हुए आदेश जारी करने की बात कही है। तीनों कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी की गारंटी पर अभी बात नहीं बन सकी है। अब इन दो मुद्दों पर चार जनवरी की बैठक में चर्चा होगी।

कृषि मंत्री नरेद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश की मौजूदगी में करीब ढाई बजे से विज्ञान भवन में 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से छठे दौर की वार्ता शुरू हुई। इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए कृषि क्षेत्र में किए गए सरकार के प्रयासों का प्रजेंटेशन दिया। कृषि मंत्री ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को आंदोलन शान्तिपूर्ण और अनुशासनात्मक तरीके से किये जाने पर धन्यवाद दिया।

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार किसानों के मुद्दों पर समाधान करने के लिए हर सम्भव प्रयास करने के लिए तत्पर है। साथ ही सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा करके समाधान के लिए हरसंभव प्रयासरत है। दोनों तरफ से कदम आगे बढ़ाने की जरूरत है। सरकार सभी सकारात्मक विकल्पों को ध्यान में रखते हुए कानूनी राय के साथ विचार करने के लिए तैयार है।

कृषि मंत्री ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि एमएसपी पर कृषि उपज की खरीद और मंडी प्रणाली पहले की तरह जारी रहेगी। किसान संगठनों के एमएसपी पर कानून बनाने के प्रस्ताव पर कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि उपज की एमएसपी तथा उनके बाजार भाव के अंतर के समाधान के लिए समिति का गठन किया जा सकता है।

किसान नेताओं की ओर से तीनों कानून वापस लेने से संबंधित सुझाव के संबंध में कृषि मंत्री ने कहा कि इस पर कमेटी का गठन करके किसान के हितों को ध्यान में रखते हुए विकल्पों के आधार पर विचार किया जा सकता है जिससे संवैधानिक मयार्दा का पालन करने के लिए सरकार अपनी भूमिका का निर्वहन कर सके।

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कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसान नेताओं से कृषि सुधार कानूनों के संबंध में अपनी मांग के अन्य विकल्प देने की भी अपील की। अगली बैठक दिनांक चार जनवरी को दोपहर दो बजे से होगी। कृषि मंत्री ने किसान नेताओं से बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को आंदोलन स्थल से घर वापस भेजने की अपील की।