BRICS summit 2023: जोहान्सबर्गः अब तक पांच देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता वाला समूह ‘ब्रिक्स’ अब बड़ा हो जाएगा। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अर्जेंटीना, मिस्र, ईरान, सऊदी अरब, इथियोपिया और यूएई को ब्रिक्स का स्थायी सदस्य बनाने पर सहमति बनी, जिसकी घोषणा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने की।
इस संगठन का सफर साल 2001 में शुरू हुआ। जब ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने मिलकर ‘ब्रिक’ की स्थापना की। इसे तत्काल और भविष्य की आर्थिक क्षमता वाले उभरते बाजारों के सामूहिक प्रतिनिधित्व के रूप में प्रस्तुत किया गया था। 2010 में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, दक्षिण अफ्रीका इस गुट में शामिल हो गया और ‘ब्रिक’ का नाम बदलकर ‘ब्रिक्स’ कर दिया गया।
तब कहा गया था कि ब्रिक्स आर्थिक आशावाद का प्रतीक संगठन है, जो पारंपरिक संस्थानों के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए वैकल्पिक वैश्विक व्यवस्था पेश करता है। अब इसे 11 सदस्यों के समूह तक विस्तारित कर दिया गया है। 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने गुरुवार को ब्रिक्स में नए सदस्यों के प्रवेश को मंजूरी मिलने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्रिक्स के विस्तार के पहले चरण में अर्जेंटीना, मिस्र, ईरान, सऊदी अरब, इथियोपिया और यूएई को संगठन की स्थायी सदस्यता देने पर सहमति बनी है।
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उन्होंने कहा कि उनकी सदस्यता 1 जनवरी 2024 से प्रभावी होगी। ब्रिक्स के सभी पांच मौजूदा सदस्य विस्तार के मापदंडों पर सहमत हो गए हैं। पहले चरण की विस्तार प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और यह आगे भी जारी रहेगी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि साथी देशों के बीच ब्रिक्स के विस्तार पर सहमति बन गई है। ब्रिक्स में छह देशों को नए स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। भारत इस कदम का समर्थन करता है।
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