
मुंबईः महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच चल रही सियासी खींचतान के बीच एक नया मामला सामने आया है। चुनाव आयोग द्वारा शिंदे गुट को दिए गए ''ढाल-तलवार'' चुनाव चिह्न को लेकर नया बखेड़ा शुरू हो गया है। इसे लेकर सिख समुदाय ने चुनाव आयोग से शिकायत की है और ये चिन्ह किसी को न देने की मांग की है।
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नांदेड के सचखंड गुरुद्वारा के एक सदस्य ने शिंदे गुट के चुनाव चिन्ह ''ढाल-तलवार'' को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। गुरुद्वारा बोर्ड के पूर्व सदस्य सरदार रणजीत सिंह कामठेकर ने चुनाव आयोग को शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि त्रिशूल चुनाव चिन्ह उद्धव ठाकरे को नहीं दिया गया। हिंदू धर्म का हवाला देते हुए गदा भी चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित नहीं किया गया। इसीरह ''ढाल-तलवार'' सिखों का धार्मिक प्रतीक है। हमारे धर्म में ढाल - तलवार की पूजा रोज की जाती है। लिहाजा यह प्रतीक किसी सियासी दल को न दिया जाए।
गौरतलब हो कि चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट से स्वीकृति के लिए पार्टी नाम के साथ तीन-तीन चिन्ह मंगाए थे। इन चिन्हों में त्रिशूल, गदा, उगता सूरज का भी समावेश था। इधर उद्धव ठाकरे ग्रुट की मुश्किलें भी कम नहीं है। दिवंगत नेता जॉर्ज फर्नांडिस की समता पार्टी ने आपत्ति जताई है। समता पार्टी का कहना है कि अलग-अलग चुनावों में ''मशाल'' चिन्ह लेकर हमने चुनाव लड़े और जीत हासिल की। अब इसे उद्धव गुट को दिए जाने पर पार्टी ने केंद्रीय चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई है।
चुनाव आयोग ने सूबे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी को ''बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना'' नाम दिया है। साथ ही उन्हें ''ढाल-तलवार'' चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है। मुंबई की अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए खींचतान जारी है। पहले चर्चा थी कि इस सीट से उपचुनाव शिंदे गुट लड़ना चाहता है, लेकिन शिंदे गुट ने अपना हाथ पीछे खींच लिया। इस सीट से शिंदे गुट की सहयोगी पार्टी भाजपा के उम्मीदवार मूरजी पटेल चुनाव लड़ रहे हैं। शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे की ओर से ऋतुजा लटके ''मशाल'' चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में हैं।
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