भोपालः मध्य प्रदेश में उपचुनावपरिणाम के बाद शिवराज सरकार स्थायी हो गई है। वहीं अब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाओं का दौर गर्म हो गया है। रविवार को सीएम शिवराज और सिंधिया की मुलाकात के बाद अटकले ओर तेज हो गई है। मुख्यमंत्री आवास में शिवराज सिंह चौहान से सिंधिया ने मुलाकात की। दोनों के बीच यह मुलाकात सिर्फ 10 मिनट ही चली, लेकिन राजनीतिक गलियारों में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा एक बार फिर से तेज हो गई है। सोमवार देर रात को ही ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। उपचुनाव में जीत के बाद पहली बार राष्ट्रीय राजधानी आ रहे मुख्यमंत्री चौहान की मुलाकात पीएम मोदी से होने की संभावना है।
दरअसल शिवराज कैबिनेट में अभी 6 मंत्री पद खाली है। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित कुल 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं। तीन मंत्रियों को चुनाव हारने और दो मंत्रियों को 6 महीने का कार्यकाल पूरा होने की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था, जबकि एक मंत्री पद पहले से खाली था। इससे सिंधिया और शिवराज की मुलाकात के बाद चर्चा तेज है कि जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। सीएम हाउस में दोनों की मुलाकात भले ही 10 मिनट की रही हो, लेकिन दोनों नेता सोमवार पूरे दिन साथ ही रहे। सिंधिया उपचुनाव हारने वाले तीनों मंत्री इमरती देवी, एंदल सिंह कंसाना और गिर्राज डंडौतिया को निगम मंडल में जगह दिलाने और उपचुनाव से पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके पहले गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट को जीत के बाद दोबारा मंत्री पद दिलाने के प्रयास में है।
यह भी पढ़ेंः-बीजेपी ने अखिलेश के बयान पर किया पलटवार, कहा- सपा सरकार पर लगाए ये आरोपमाना जा रहा है कि शिवराज सरकार में पहले इन दोनों विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। हालांकि मंत्री पद के लिए कई विधायक दावेदार माने जा रहे हैं। इनमें विंध्य क्षेत्र से राजेंद्र शुक्ला, गिरीश गौतम, केदार शुक्ला के नाम शामिल हैं, तो अजय विश्नोई, रामपाल सिंह, संजय पाठक और रामेश्वर शर्मा भी मंत्रिपद के दावेदार माने जा रहे हैं। अब देखना यह है कि पार्टी सिंधिया खेमे के चेहरों और अपने विधायकों के बीच किस तरह से सामंजस्य बैठाती है।