महाराष्ट्र

कभी भी दस्तक दे सकता है मानसून, निगम की तैयारी अभी भी अधूरी, लोगों को सता रहा डर

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मुंबई: वसई-विरार शहर महानगरपालिका (VVCMC) क्षेत्र में सड़क, नाले और नालियों से जुड़ी समस्याएं वर्षों से बनी हुई हैं। कई बार विरोध-प्रदर्शन और लिखित शिकायतों के बावजूद इन समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। विभागीय उदासीनता के कारण मानसून के दौरान दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं, इसके बावजूद महानगरपालिका की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ है। अब एक बार फिर बारिश के दौरान समस्याओं का डर नागरिकों को सताने लगा है। संबंधित विभागों से इसके समाधान की मांग भी उठने लगी है।

अधिकारियों की लापरवाही से घायल होते हैं लोग

भाजपा वसई-विरार जिला उपाध्यक्ष मनोज बारोट ने वसई विरार शहर महानगरपालिका आयुक्त अनिलकुमार पवार को जानकारी दी है कि महानगरपालिका क्षेत्र में कई सड़कें खस्ताहाल हैं। मुख्य नालियों और नाले के टूटे ढक्कन बारिश के दौरान आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण हर साल मासूम बच्चे, बुजुर्ग, आम जनता और वाहन चालक गड्ढों से भरी सड़कों और नाले के खुले गड्ढों में जलभराव में गिरकर घायल हो जाते हैं। कई मामलों में उनकी जान भी जा चुकी है। हर साल ऐसी अप्रिय घटनाएं होने के बावजूद अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। भाजपा नेता बारोट ने कहा कि मानसून कभी भी दस्तक दे सकता है, लेकिन क्षेत्र की कई सड़कें, मुख्य नाले और नालियों सहित छोटे नाले के ढक्कन कई स्थानों पर दयनीय स्थिति में हैं। लेकिन, नगर निगम के अधिकारी, इंजीनियर और संविदा इंजीनियर इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

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नगर निगम ने दी सफाई

इसी तरह हर साल जलभराव के बाद नाला सफाई पर भी सवाल उठते हैं। इसलिए इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बारोट ने कहा कि नगर निगम के 9 संभागों के अधिकारियों को नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा के मद्देनजर इन सभी कार्यों को जल्द पूरा करने के आदेश दिए जाने चाहिए। बारोट ने कहा कि अगर ठेकेदार की लापरवाही के कारण किसी निर्दोष व्यक्ति के साथ कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसके लिए उस संभाग के संबंधित अधिकारी, इंजीनियर और संविदा इंजीनियर पूरी तरह जिम्मेदार होंगे। इस पर नगर निगम के संबंधित विभाग का कहना है कि ऐसे स्थानों को चिन्हित कर काम किया जा रहा है।

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